श्री राम मंदिर गोमती आश्रम मे प्रातः कालीन आरती मे ग्रामीणो मे रहा उल्लास | Shri raam mandir gomti ashram main pratah kalin arti main gramino

श्री राम मंदिर गोमती आश्रम मे प्रातः कालीन आरती मे  ग्रामीणो मे रहा उल्लास

मान्धाता (सतीश गमरे) - ग्राम के राम मंदिर गोमती आश्रम मे शराब एवं सट्टा माफियाओं के द्वारा मंदिर के संत के साथ मारपीट किए जाने के बाद मंदिर का माहौल वापस पहले की तरह खुश मिजाज होता  नजर आ रहा है आरोपित  अरुण गुप्ता एवं अन्नू श्रीवास सहित अन्य लोगो ने महंत से लिखित माफी मांगने के बाद विवाद खत्म कर दिया गया है 
   
वही इन  हमलावरों द्वारा कलेक्टर खण्डवा को ग्राम की अमूल्य धरोहर श्री राम मंदिर गोमती आश्रम  के विषय मे भ्रामक जानकारी दी गई है की मंदिर मे  महिलाओ के साथ अभद्र व्यवहार किया जाता है और कुछ लोगो ने मदिर पर कब्जा कर लिया है 

जबकि वास्तविकता यह है की  पूरा ग्राम एकजुट है इन्ही शराब एवं सट्टे के माफियाओं द्वारा ही मंदिर पर कब्जा किया गया था जहा से ये सट्टा एवं शराब का कारोबार  कीया जा रहा था मंदिर सेवकों पर गलत आरोप लगाये गए थे इन्ही माफियाओं द्वारा कलेक्टर को दिए गए आवेदन  बताया गया है की 1987 मे सियाराम बाबा के शरीर त्यागने के बाद आश्रम मे कोई साधु रहा ही नही हम लोग ही मंदिर का संचालन करते आये है जो सरासर गलत हैजबकि  सियाराम बाबा जी के बाद उनके शिष्य लालमण  दास आश्रम के महंत रहे ।  करीब 32 वर्ष तक वही मंदिर प्रमुख रहे जिन्होने 71 वर्ष की आयु मे गत वर्ष 27 अगस्त 2019 को अपना शरीर त्याग दिया जिनका संस्कार  साधु परंपरा के अनुसार मंदिर प्रांगण मे ही किया गया और समाधि भी  निर्मित की गई अपने आप को ट्रस्टी बताने वाले तब कहा गए थे जो आज एक दम से जिन्दे हो गए ॥ ॥ 

आश्रम एवं मंदिर का इतिहास 

श्री राम मंदिर गोमती आश्रम का निर्माण विक्रम संवत  1881  को गोमती दास महाराज के द्वारा कराया गया उनके शरीर छोड़ने के बाद से करीब 196 वर्षो तक गुरु चेला प्रथा ही जारी किसी कमेटी ने आश्रम को नही संभाला है संत  ही प्रधान रहा है और पूरा गाव भी संत के साथ खड़ा है लेकिन कुछ तथाकथित लोग अपने स्वयं के स्वार्थ के लिए कमेटी बनवाना चाहते है जिसका पूरा ग्राम  विरोध करता है

Post a Comment

Previous Post Next Post