सेवानिवृत्त होने की स्थिति में पहुंचे, नहीं हो रही पदोन्नति | Sevanivritt hone ki stithi main pahuche nhi ho rhi padonnati

सेवानिवृत्त होने की स्थिति में पहुंचे, नहीं हो रही पदोन्नति

सेवानिवृत्त होने की स्थिति में पहुंचे, नहीं हो रही पदोन्नति

डिंडौरी (पप्पू पड़वार) - संविदा उपयंत्रियों सहित निचले पदों पर कार्यरत डिप्लोमाधारियों को नियमित करने सहित अन्य मांगों को लेकर मप्र डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोसियेशन द्वारा मुख्यमंत्री के नाम बुधवार को ज्ञापन सौंपा गया। एडीएम को ज्ञापन सौंपने पहुंचे इंजीनियरों ने मांग पत्र भी सौंपा है। ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि इंजीनियरों की पदोन्नति नहीं की जा रही है। वर्तमान स्थिति में उपयंत्री संवर्ग को बीस वर्ष सेवा के बाद सहायक यंत्री और 28 वर्ष सेवा के बाद कार्यपालन यंत्री का पदनाम देने का आदेश जारी करने की भी मांग की गई है। गौरतलब है कि जिले में भी दर्जनों इंजीनियर ऐसे पदस्थ हैं जो सेवानिवृत्त होने की स्थिति में पहुंच गए हैं, लेकिन उनकी अब तक पदोन्नति नहीं हो सकी है। लंबे समय से इंजीनियरों द्वारा पदोन्नति करने की मांग भी की जा रही है। जिले में ही प्रभार के भरोसे कार्य चल रहे हैं। इस ओर इंजीनियर अब लामबंद होकर शासन से पहल करने की मांग कर रहे हैं।

सेवानिवृत्त होने की स्थिति में पहुंचे, नहीं हो रही पदोन्नति

सेवा पुस्तिका में दैनिक सेवा अवधि हो दर्ज

 मांग पत्र में उल्लेख किया गया कि 2005 के पहले कई वर्षों में दैनिक वेतन पर पदस्थ रहे इंजीनियर व डिप्लोमाधारी जो कि 2005 के बाद नियमित किए गए हैं। ऐसे सभी उपयंत्रियों की सेवा पुस्तिका में दैनिक वेतन सेवा अवधि की गणना नहीं की गई है। अन्य श्रमिक व स्थाई कर्मी नियमित हुए हैं उनकी सेवा पुस्तिका में दैनिक सेवा अवधि दर्ज है। मांग की गई कि नियमित हुए उपयंत्रियों की सेवा पुस्तिका में भी दैनिक वेतन भोगी के रूप में प्रथम नियुक्ति दिनांक से सेवा काल में भी दर्ज किया जाए। पत्र में यह भी उल्लेख किया गया कि प्रथम नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता की गणना करने पर आदेश भी प्रसारित किया जाए।

4800 किया जाए ग्रेड पे

 उपयंत्री संवर्ग को प्रारंभिक ग्रेड पे 36 सौ के स्थान पर 48 सौ रूपये किया जाए। कलेक्ट्रेट पहुंचे इंजीनियरों ने मप्र डिप्लोमा इंजीनियर एसोसियेशन के जिलाध्यक्ष बीएस तिलगाम की अगुवाई में ज्ञापन सौंपा गया। इस दौरान एसोसियेशन के सचिव पवन पटेल, कोषाध्यक्ष डीडी हरदहा, संरक्षक इंजीनियर डीएन सिंह, केपी दुबे के साथ इंजीनियर राजकुमार अहिरवार, राजाराम पटेल, फिरोज खान, सुनील हरमन, सुबोध साखरे, परमेश बाडीचार, आशीष उईके, अमित सेंगर, संदीप शुक्ला, विजय मर्सकोले, राहुल तेकाम, अमित गांगुली, संतराम ओयाम, विमल कुशराम, प्रदीप द्विवेदी, विजेंद्र सारीवान, सुरेंद्र सैयाम, कमलेश धूमकेती, ऋ षभ सिक्का, उमाशंकर डहेरिया, हिरेश पारधी, सुनील धुर्वे, गणेश साहू, रविंद्र भाजीपाले सहित अन्य इंजीनियर मौजूद रहे।

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