लावारिस हालत में मिले नवजात शिशु को बाल कल्याण समिति ने इंदौर किया पूर्नवास
अलीराजपुर। (रफीक क़ुरैशी) - गत दिवस उदयगढ़ के खण्डाला रोड़ पर पुलिस को मिले नवजात परित्यक्त षिषु बालक जिसे जिला चिकित्सालय के एसएनसीयु वॉर्ड में 24 सितम्बर को भर्ती कर रखा गया था। इस परित्यक्त षिषु का पूर्नवास जिला चिकित्सालय की रिपोर्ट के आधार पर शनिवार को जिला बाल कल्याण समिति न्यायपीठ ने इसका पूर्नवास इन्दौर विषेष दत्तकग्रहण संस्था मातृछाया श्री सेवाभारती संस्था, इन्दौर में भिजवाकर किया। शनिवार प्रातः जिला चिकित्सालय के प्रांगण में विषेष 108 वाहन में उक्त बालक को इन्दौर पूर्नवास हेतू भिजवाते समय जिला बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष सुधीर जैन, षिषुरोग विषेषज्ञ डॉ. सचिन पाटीदार, बाल कल्याण समिति के सदस्य धर्मेन्द्रा ओझा, रंजना वाघेला, चाईल्ड लाईन के प्रभारी समन्वयक महेन्द्र सस्तिया व राड़िया पड़ीयार उपस्थित थे। बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष सुधीर जैन ने बताया कि नवजात षिषु के इन्दौर पूर्नवास हेतू गई टीम में चाईल्ड लाईन के टीम मेंबर संगीता निंगवाल एवं सादू सस्तिया, महिला आरक्षक नेहा मैड़ा (क्र. 518) उदयगढ, आया दुर्गाबाई देवड़ा व वाहन चालक राजू डावर गये है। श्री जैन ने यह भी बताया कि षिषु रोग विषेषज्ञ डॉ. सचिन पाटीदार के द्वारा चिकित्सकीय परीक्षण उपरांत दी गई रिपोर्ट में दर्षाया गया है कि यह परित्यक्त नवजात षिषु वर्तमान में पूर्णरूप से स्वस्थ है एवं इसका वजन 1.930 किग्रा. है।
उक्त नवजात पत्यिक्त षिषु के पूर्नवास में संरक्षण अधिकारी (गैर-संस्थानिक) बलवंतसिंह एस्के, इन्चार्ज नर्स एसएनसीयू ग्लोरिया भंवर व बाल कल्याण समिति सदस्य वेस्ता खेलिया, नारायण राठौड़ व ऑपरेटर नारायण चौहान का योगदान रहा। उल्लेखनीय है कि किषोर न्याय अधिनियम 2015 एवं म.प्र. शासन के प्रावधानों एवं निर्देषो के अनुरूप ऐसे समस्त बच्चें परित्यक्त हो अर्थात जिनके माता-पिता ने उन्हें लावारिस छोड़ दिया हो या उनका त्याग कर दिया हो एवं ऐसे समर्पित बच्चें जिनके माता-पिता ने किसी सामाजिक लोकलाज या आर्थिक तंगी के चलते बच्चें के लालन-पालन में असमर्थ होकर बच्चें का अभ्यपर्ण (समपर्ण) कर दिया हो या फिर ऐसे बच्चें जो अनाथ है यानि जिनके माता-पिता का देहान्त हो गया है एवं उन्हें पालनेवाला कोई नहीं है ऐसे समस्त बच्चों का पूर्नवास शासन के नियमों के अनूसार निर्धारित मान्यता प्राप्त विषेष दत्तकग्रहण षिषुगृह, बालगृह देखरेख संस्थाओं में किया जाता है जहां से ये संस्थाएँ इन बच्चों को केन्द्रीय दत्तक ग्रहण पूर्नवास प्राधिकरण, नईदिल्ली (कारा) के माध्यम से दर्ज निःसंतान इन्छूक दम्पतियों को न्यायालय के माध्यम से निर्धारित प्रक्रिया द्वारा प्रदान किये जाते है। अतः निःसंतान इच्छूक दम्पति किसी भी ऑनलाईन कियोस्क सेवा केन्द्र से केन्द्रीय दत्तक ग्रहण पूर्नवास प्राधिकरण (कारा) में अपना पंजीयन करवाकर लाभान्वित हो सकते है।
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