श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ में पर्युशण महापर्व के अन्तिम दिन बारसा सूत्र का वाचन हुआ | Shri mohankheda mahatirth main paryushan maha parv ke antim divas barsa
श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ में पर्युशण महापर्व के अन्तिम दिन बारसा सूत्र का वाचन हुआ
राजगढ़ (संतोष जैन) - श्री आदिनाथ राजेन्द्र जैन श्वे. पेढ़ी ट्रस्ट श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ के तत्वाधान में पर्युषण महापर्व के अन्तिम दिन दादा गुरुदेव की पाट परम्परा के अष्टम पट्टधर वर्तमान गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय ऋषभचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. के शिष्यरत्न कार्यदक्ष मुनिराज श्री पीयूषचन्द्रविजयजी म.सा. को वाचन हेतु बारसा सूत्र श्री मेघराज चम्पालालजी लोढ़ा परिवार ने व्होराया । बारसासूत्र पर ज्ञान की प्रथम पूजा श्री मेघराज चम्पालालजी लोढ़ा, द्वितीय ज्ञान पूजा श्री पारसमल केवलचंदजी, तृतीय ज्ञान पुजा श्री मफतलालजी वीरचंद भाई थराद, चतुर्थ ज्ञान पुजा श्री सुमेरमल राका व पांचवीं ज्ञान पूजा श्री विनोद शाह जी जालोर द्वारा की गई व अष्टप्रकारी पूजा श्री विनेशकुमार ओटमलजी जैन परिवार ने की । बारसासूत्र में 12 सौ गाथाओं का उल्लेख प्राकृत और संस्कृत भाषा में रचित है व कल्पसूत्र की मूल वाणी का उल्लेख इस सूत्र में आता है साथ ही जो भक्त कल्प सूत्र का श्रवण नहीं कर पाया हो वह इस सूत्र का श्रवण करके कल्प सूत्र के श्रवण का लाभ प्राप्त कर लेता है । इस सूत्र का वाचन खड़े-खड़े किया जाता है इसका श्रवण भी खड़े-खड़े करने का शास्त्रों में विधान है ।
आचार्यश्री ने बताया कि कोरोना संक्रमण को देखते हुये शासन द्वारा निधारित गाईड लाईन का पालन करते हुये पर्युषण महापर्व की आराधना की जा रही है । शासन के नियमों के अनुरुप ही दोपहर 3 बजे से संवत्ससरी प्रतिक्रमण कर सभी समाजजन एक दूसरे से क्षमायाचना करेगें ।
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