श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ में पर्युशण महापर्व के चतुर्थ दिन कल्पसूत्र का वाचन प्रारम्भ
राजगढ़/धार (संतोष जैन) - पर्युषण महापर्व के चतुर्थ दिन दादा गुरुदेव की पाट परम्परा के अष्टम पट्टधर वर्तमान गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय ऋषभचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. के शिष्यरत्न कार्यदक्ष मुनिराज श्री पीयूषचन्द्रविजयजी म.सा. को वाचन हेतु कल्पसूत्र बालावबोध बागरा निवासी श्री ओटमल साकलचंदजी परिवार ने व्होराया । कल्पसूत्र पर ज्ञान की प्रथम पूजा पारसमल केवलचंद जी जैन भिवण्डी, द्वितीय ज्ञान पूजा श्री राणमलजी फुलचंदजी गांधी मुथा, तृतीय ज्ञान पुजा श्रीमती शांताबेन मफतलालजी वीरचंद भाई थराद, चतुर्थ ज्ञान पुजा श्री रुपचंद तलसाजी राठौर भीनमाल व पांचवीं ज्ञान पूजा हेमन्त राजजी तगाजी राठौर भीनमाल परिवार द्वारा की गई व अष्टप्रकारी पूजा श्रीमती शारदाबेन आनन्दकुमारजी परमार परिवार ने की । कल्पसूत्र बालावबोध मंे भगवान महावीर स्वामी के 27 भवों का उल्लेख है । इसका सक्षिप्त हिन्दी देसज रुपान्तरण दादा गुरुदेव श्रीमद्विजय राजेन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. द्वारा किया गया है ।
आचार्यश्री ने बताया कि कोरोना संक्रमण को देखते हुये शासन द्वारा निधारित गाईड लाईन का पालन करते हुये पर्युषण महापर्व की आराधना की जा रही है । शासन के नियमों के अनुरुप भगवान महावीर स्वामी के जन्म प्रसंग के वाचन का प्रसारण भी आनलाईन किया जावेगा । प्रभु की माता द्वारा देखे गये 14 दिव्य स्वप्न के चढ़ावें भी आनलाईन ही किये गये है व सभी भक्तों को 14 स्वप्नों एवं प्रभु के पालने के दिव्य दर्शन भी आनलाईन ही करवाये जावेगें । बुधवार को दोपहर 3 बजे जन्म प्रसंग वाचन आनलाईन किया जावेगा ।
Tags
dhar-nimad