सांसद और भाजपा नेताओं की शह पर कांग्रेस जनप्रतिनिधियों के साथ किए गए दुव्र्यवहार की कांग्रेस नेताओं ने की निंदा | Sansad or bhajpa netao ki shah pr congress janpratinidhiyo ke sath kiye gaye durvyavahar

सांसद और भाजपा नेताओं की शह पर कांग्रेस जनप्रतिनिधियों के साथ किए गए दुव्र्यवहार की कांग्रेस नेताओं ने की निंदा

राज्यपाल, मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, पूर्व मुख्यमंत्री को भेजा निंदा प्रस्ताव

सांसद और भाजपा नेताओं की शह पर कांग्रेस जनप्रतिनिधियों के साथ किए गए दुव्र्यवहार की कांग्रेस नेताओं ने की निंदा

अलीराजपुर। (रफीक क़ुरैशी) - भाजपा की शह पर जिला प्रशासन के अधिकारी जनहित के कार्यो करने में उदासीनता और लापरवाही बरतकर विभिन्न योजनाओं मंे जमकर भ्रष्टाचार कर रहे है। वही शासकीय बैठकों में प्रोटोकाल का उल्लंघन कर जनता द्वारा चुने हुए विधायकों को बैठकों की सूचना तक नहीं दे रहे है। जब पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस विधायक कांतिलाल भूरिया और कलावती भूरिया कलेक्टोरेट में आयोजित दिशा की बैठक के दौरान पहुंचे तो सांसद गुमानसिंह डामोर के इशारे पर कलेक्टर व अधिकारियों ने जानबूझकर उनकी उपेक्षा कर बैठक में प्रवेश नहीं करने दिया गया और दोनो विधायकों को एक घंटे तक वेटिंग रूम में बैठाकर इंतजार करवाया। जिसके बाद आपदा प्रबंधन की बैठक में शामिल हो सके। इस सारे मामले में पूर्णतया कलेक्टर और अन्य अधिकारियों का रवैया गैर जिम्मेदाराना है और जिला कांग्रेस कमेटी उनके इस कार्यशैली की घोर निंदा कर कडी कार्रवाई की मांग करती है। कांग्रेस के आदिवासी नेताओं की इस प्रकार उपेक्षा करने पर जिला कांग्रेस शीघ्र ही जिला प्रशासन के खिलाफ आंदोलन करेगी। ये बात जिला कांग्रेस कार्यालय पर आयोजित पत्रकार वार्ता में जिला कांग्रेस अध्यक्ष महेश पटेल, विधायक मुकेश पटेल, नपाध्यक्ष सेना पटेल, जिला कांग्रेस कार्यवाहक अध्यक्ष ओम राठौर, पूर्व जिकां अध्यक्ष राधेश्याम माहेश्वरी ने कही।

सांसद और भाजपा नेताओं की शह पर कांग्रेस जनप्रतिनिधियों के साथ किए गए दुव्र्यवहार की कांग्रेस नेताओं ने की निंदा

*प्रशासन के खिलाफ कांग्रेस करेगी आंदोलन*

उन्होने बताया कि वर्तमान में जिला प्रशासन भाजपा नेताओं के इशारे पर काम कर रहा है। भाजपा नेताओं के सामने प्रशासन पूरी तरह घुटने टेककर नतमस्तक हो चुका है। भाजपा नेताओं के दबाव में प्रशासन जानबूझकर जिले के चुने हुए कांग्रेसी जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा कर रहा है। सोमवार को दिशा की बैठक के संबध में जोबट और झाबुआ विधायक को सूचना नहीं दी गई और जब वे बैठक के दौरान सभाकक्ष के द्वार पर पहुंचे तो उन्हें बैठक में शामिल नहीं कर वेटिंग रूम में इंतजार करने के लिए कह दिया गया। इस संबंध में कांग्रेस नेताओं ने कहा कि दिशा की बैठक में केंद्र की योजनाओं के मुद्दे नहीं लिए गए। बेठक मे सांसद डामोर व भाजपा जिलाध्यक्ष शराब और रेत के ठेकेदारों की सूची मांगी गई ताकि ठेकेदारों से अवैध वसूली कर सके। जिले के आदिवासी ट्रैक्टर ट्रालियों में रेत भरकर जिले सहित अन्य जिलो में बेचकर अपनी रोजी रोटी चलाते है, लेकिन सांसद द्वारा आदिवासी गरीबों का रोजगार छिना जा रहा है। बैठक के खनिज और आबकारी की निती और ठेकेदारों की सूची मांगी गई। जिससे की ये उनसे अवैध वसूली कर सके। उन्होने कहा कि कांतिलाल भूरिया केंद्रीय मंत्री भी रहे लेकिन कभी उन पर अवैध वसूली का आरोप नहीं लगा है। जबकि ये लोग ठेकेदारों से अवैध वसूली में लिप्त है।  

*विधायक पटेल को नहीं उठाने दिए जनहित के मुद्दे*

इससे पूर्व दिशा की बैठक में विधायक मुकेश पटेल ने जिले के कई महत्वपूर्ण मुद्दो को उठाया गया तो कलेक्टर ने उन्हें मुद्दे उठाने से रोकते हुए कहा कि इन विषयो पर अभी चर्चा नहीं होगी। इस प्रकार अधिकारियों द्वारा जानबूझकर उनके द्वारा उठाए गए जनहित के मुद्दों को दरकिनार कर जनता की आवाज को दबाया गया। अधिकारियों के इस रवैये को लेकर विधायक पटेल ने कडी आपत्ति दर्ज करवाई है और मामलो को लेकर विधानसभा अध्यक्ष को जानकारी देने की बात कही। कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि कोरोना काल में जिले के अधिकांश विभाग के अधिकारी भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे हुए है। कोरोना महामारी को नियंत्रित करने के लिए आए फंड में जमकर भ्रष्ट्राचार किया जा रहा है। कोरोना के मरीजों को नियमानुसार डाइट नहीं दी जा रही है और उनका उचित इलाज नहीं करते हुए कोई पुख्ता व्यवस्था नहीं की गई है। ऐसे में मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड रहा है। कोरोना जांच की रिपोर्ट भी समय पर नहीं आ पा रही है और प्रशासन द्वारा कई जानकारिया छिपाई जा रही है। 

*मनमानी पर उतारू प्रशासन, नहीं करेंगे बर्दाश्त*

कांग्रेस नेताओं ने कहा कि कोरोना नियंत्रण के नाम पर जिला प्रशासन के आला अधिकारी मनमानी पर उतारू है। केंद्र और राज्य शासन के दिशा-निर्देशों और गाइड लाइन की धज्जिया उडाकर जनता को अनावश्यक रूप से परेशान किया जा रहा है, जो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जिले में बाजार खोलने और बंद करने को लेकर पिछले पांच महीनों से असंमंजस की स्थिति बनाकर रखी है। इससे आम जनता त्राहि-त्राहि कर रही है और प्रशासन की तरफ जनजीवन को सामान्य करने की उम्मीद लगाए बैठी है। लेकिन अधिकारी अपनी लालफीताशाही चलाकर अपना रौब जमाने में लगे है जो कि निंदनीय है। वही जिले मे खाद नहीं मिलने को लेकर जिले के किसान भी हर दिन परेशान हो रहे है।  

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