सफाई कर्मचारियों की बदौलत स्वच्छता सर्वेक्षण में बुरहानपुर रहा प्रदेश मे तीसरे स्थान पर जिसका श्रेय केवल सफाई योद्धाओ को जाता है : जंगाले
बुरहानपुर। (अमर दिवाने) - स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में बुरहानपुर को देश में 14वा एवं मध्यप्रदेश में तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है। जिसके बाद वाल्मिकी संगठन के पदाधिकारियों ने जमीनी स्तर पर कार्य करने वाले सफाई कर्मी (योद्धाओं) का वार्डो के सेकटरो मे जाकर स्वागत कर पुष्पमाला से सम्मान किया। अध्यक्ष उमेश जंगाले ने बताया की स्वच्छता सर्वेक्षण में बुरहानपुर ने देश मे 14वीं रैंक एवं मध्यप्रदेश में तीसरी रैंक प्राप्त किया है, जोकि अत्यंत हर्ष का विषय है इसका श्रेय केवल और केवल सफाई कर्मियों को ही जाता है। जिनके रात दिन अथक परिश्रम (मेहनत) का परिणाम है जिहोने शहर को नंबर वन बनाने के लिये निरंतर मेहनत की। जंगाले ने कहा की AC की ठंडी हवा मे बैठकर कर्मियो को आर्डर देकर कार्य करवाने वाले अधिकारियो का इसमे कोई योगदान है या नही यह जनता जनार्दन अच्छे से जानती है। स्थानीय नेताओ जनप्रतिनिधियो को अधिकारियो का स्वागत याद रहा लेकिन वह कर्मियो की मेहनत को भुल गए। आज हमने विभिन्न वार्डो मे जाकर कर्मियो का स्वागत कर उनका मनोबल बढ़ाकर हौसला अफजाई की और उनके अच्छे कार्य की सराहना करते हुए उन्हे मिठाई खिलाकर उनको बधाई एवं धन्यवाद दिया। जिन सफाई कर्मियो का निगम मे तीन-तीन माह का वेतन रुकने के बावजूद भी लगातर उन्होने अपनी सेवाए दी है वही लोग इस कार्य का श्रेय लेने के असली हकदार है।
जिनकी बदोलत शहर का नाम पुरे देश मे रौशन हुआ आज भी ऐसे कर्मियो से ठेका पद्धति मे कार्य करवा कर उनका शोषण किया जा रहा है। ठेकेदार द्वारा उन्हे कलेक्टर रेट के अनुसार वेतन नही दिया जा रहा है। कर्मियो को बैंक खातो से वेतन का भुगतान करने के बजाय ठेकेदार नगद निर्धारित राशी से कम राशी का भुगतान कर रहा है। जबकी ठेकेदार एवं निगम के अनुबंध मे बैंक खातो मे वेतन देने के नियम है। कर्मी मजबुरी मे शोषण का शिकार होते हुए भी अपने कार्यों का निष्ठा से निर्वाह कर इमानदारी से कार्य कर रहे हैं। जंगाले ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से मांग कि है की जिन कर्मचारियो की बदोलत पुरा देश स्वच्छ है उनको ठेका जैसी प्रथा से हटाकर सीधी भर्ती दी जाये और ठेका पुर्ण रुप से बंद किया जाये। ताकि वाल्मिकी समाज के लोग अपने परिवार का जीवन यापन अच्छे से कर सके। ठेका पद्धति कोई स्थाई नौकरी नही है। कोरोना संक्रमण को देखते हुए संगठन के पदाधिकारियों ने वार्डों में पांच-पांच लोगों का स्वागत किया जंगाले ने कहा कि कोरोना खत्म होने के बाद कर्मियों को एकत्रित कर संयुक्त रुप से भव्य स्वागत किया जाएगा। इस दौरान राजेन्द्र लोट, गोपाल चावरे, फ़कीरा लक्ष्मण, शनि तायडे, ताराचंद मेलुन्दे, दिपक, रामदास उखा, सहित अन्य कर्मियो का स्वागत किया गया।
Tags
burhanpur