मरीजों के बुलाने से भी नहीं आता स्टाफ | Marijo ke bulane se bhi nhi ata staff

मरीजों के बुलाने से भी नहीं आता स्टाफ 

मेडिकल अस्पताल में भी कोरोना मरीजों की प्लाजमा थेरेपी शुरु

मरीजों के बुलाने से भी नहीं आता स्टाफ

जबलपुर (संतोष जैन) - कोरोना उम्र दराज मरीजों को अस्पताल में संक्रमण के साथ ही समस्याओं से जूझना पड़ रहा है डॉक्टर नर्स सहित बाकी सपोर्टिंग स्टाफ से ग्राउंड के वक्त कोविड-19  बाकी समय में मरीज को कुछ जरूरत हुई तो वे पुकारते  थक जाते हैं एक से डेढ़ घंटे बाद उन्हें मदद मिल पाती है कोरोना डेडीकेटेड और केयर सेंटर में भर्ती एवं डिस्चार्ज हो चुके ज्यादातर संक्रमितो की पीड़ा है कि स्टाफ अपना काम करने की बाद उस फ्लोर से ही चले जाते हैं ऐसे में किसी शंकरमितों को समस्या बढ़ जाए या फिर गंभीर संक्रमित को टॉयलेट जाना हो तो उन्हें आपके आने का इंतजार करना पड़ता है

 कई लोग टॉयलेट जाने में गिर पडतेहैे पीपीई किट की समस्या भी है

 मेडिकल अस्पताल में भी कोरोना मरीजोकी प्लाजमा थेरेपी शुरू होना संक्रमण की लड़ाई में मरीजों को बेहतर सुविधा देने के लिए सोमवार को मेडिकल में प्लाज्मा थेरेपी की शुरुआत हुई पहले दिन कोरोना शंकर मितों को प्लाजमा थेरेपी दी गई इसके लिए जरूरी जांच करने के बाद संक्रमित कोरोना स्वस्थ हो जाएं स्वस्थ हो चुके को  एंटीबॉडी दी गई ताकि उसके रक्त में एंटीबॉडी मिलकर  कोरोना संक्रमण से मजबूती से लड़ सके और उनके लिए गंभीर मरीजों को बचाने के लिए प्लाजमा थेरेपी देने की तैयारियां कॉलेज में 1 सप्ताह पहले शुरू की गई थी इसके अलावा एक निजी अस्पताल में भर्ती कोरोना संक्रमित को भी प्लाजमा थेरेपी की गई स्वस्थ हो चुके मरीज बचा सकते हैं दूसरे संक्रमित की जिंदगी।

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