संत सिंगाजी पावर परियोजना मे प्रमुख ऊर्जा सचिव ने किया निरीक्षण | Sant singaji pavar pariyojna main pramukh urja sachiv ne kiya nirikshan

संत सिंगाजी पावर परियोजना मे प्रमुख ऊर्जा सचिव ने किया निरीक्षण 

संत सिंगाजी पावर परियोजना मे प्रमुख ऊर्जा सचिव ने किया निरीक्षण

मांधाता (सतीश गम्बरे) - परियोजना मे साफ सफाई के नाम पर प्रत्येक माह करोडो खर्च फिर भी। मंत्रालय मे विभाग  के मुखिया के साथ बिजली उत्पादन कंपनी के मुखिया .और जिला प्रशासन  के मुखिया को कीचड़ और राखड मे खड़ा रहकर करना पड़ा निरिक्षण 

अधिकारी कभी बायलर की और तो कभी कीचड़ मे भरे जूतों की और  देखते जिससे उन्हे बायलर सहित जूतों का भी निरीक्षण करने का  मौका मिला 

मेगा नही महंगा पावर परियोजना साबित हो रही है सिंगाजी परियोजना वर्तमान की चुनौतियों  को लेकर की गई गुप्त बैठक 

संत सिंगाजी पावर परियोजना मे प्रमुख ऊर्जा सचिव ने किया निरीक्षण

मध्य प्रदेश पावर जनरेटिंग  कंपनी के एम डी सहित आला अधिकारी मुख्यालय जबलपुर से परियोजना तलब 

खंडवा कलेक्टर .एस डी एम सहित प्रशासन के अधिकारी  भी बेठक मे भाग लेने  परियोजना पहुचे 

संत सिंगाजी पावर परियोजना मे शुक्रवार को प्रमुख सचिव ऊर्जा संजय दुबे ने परियोजना का निरीक्षण किया ऊर्जा सचिव का पदभार ग्रहण करने के बाद परियोजना मे उनका यह  पहला दौरा है उनके आने के साथ ही  मध्य प्रदेश पावर जनरेटिंग  कंपनी के एम डी मंजीत सिंह मुख्यालय शक्ति भवन जबलपुर  से अपने आला अधिकारियो के साथ परियोजना तलब किए  गए वही खंडवा कलेक्टर अनय त्रिवेदी भी बेठक मे भाग लेने प्रशासनिक अधिकारियो के साथ परियोजना पहुचे 
प्रमुख ऊर्जा सचिव ने परियोजना पहुचने के बाद प्रथम तथा द्वितीय चरण के  बायलर .टरबाइन .सी एच पी सहित सभी  इकाइयों का निरीक्षण किया तथा शेष बाकी चल  रहे कार्यो को जल्दी पूरा करने के निर्देश दिए उसके बाद अधिकारियो के साथ बैठक की  गई 
   

अधिकारियो के अनुसार तो यह साधारण दौरा है लेकिन विश्वसनीय सूत्रो के अनुसार मामला कोयले की खपत अधिक होने के साथ साथ इकाइयों के बार बार ट्रिप होने का है अन्य परियोजनाओ मे भी निश्चित पैमाने  से ज्यादा कोयला खपत हो रहा है विदित हौ की  सिंगाजी पावर  परियोजना मे  निर्माण से लेकर अब तक हुए संघठित  भ्रष्टाचार के कारण कंपनी की स्टोर नियमावली  को दरकिनार कर मटेरियल इंस्पेक्शन नोट ही नही बनाए गए जिस कारण परियोजना मे  घटिया उपकरण लगाये गए इसी  कारण ही परियोजना   कोल लास मे नंबर एक पर आती  है जनवरी 2019 से सितंबर 2019 तक इन नौ महीनो मे इस परियोजना की इकाई क्रमांक एक एवं दो  से  6 लाख  5 हजार 537 मीट्रिक टन कोयला निश्चित पैमाने से ज्यादा लगा जिसे रेक के अनुसार समझे तो करीब 174 कोयले की रेक ज्यादा लगी जिसकी कीमत करीब 236 करोड़ 15 लाख 89 हजार 620 रुपए है इतने दिनो मे  करोडो रुपए का कोल लास हुआ और पूरे साल भर मे ये आकड़ा 300 करोड़ के पार पहुचा होगा वो भी मात्र दो इकाइयों से पूरी परियोजना मे कितना नुकसान कर शासन को चुना लगाया जा रहा है इसका आकलन आजतक कंपनी के  डायरेक्टर टेक्निकल  एके टेलर ने कभी  नही किया होगा । लेकिन विडंबना है की अब भी कोल लास और इकाइयों का ट्रिप हो जाना आज भी निरंतर  जारी है  जिससे सरकार को करोडो रुपए रोज का नुकसान भी  उठाना भी पड़ रहा है शायद इसी स्थिति को समझने और सुलझाने के लिए  ऊर्जा सचिव द्वारा यह दौरा किया गया है 

अधिकारियो ने  कीचड़ और राखड मे खड़े रहकर किया निरीक्षण 

संत सिंगाजी पावर परियोजना मे साफ सफाई पर करोडो रुपए महीने के खर्च किए जाते है निश्चित तौर पर लाखो के  टेंडर  इस दौरे को लेकर भी अपने चहेतों को दिए होंगे लेकिन  इसके बाउजुद अधिकारी कभी बायलर की और तो कभी कीचड़ मे भरे अपने जूतों की और  देखते रहे उन्हे बायलर सहित जूतों का भी निरीक्षण करने का  भी मौका मिला 

इनके साथ परियोजना के मुख्य अभियंता वी. के कैलासीया  .अतिरिक्त मुख्य अभियंता ए. के शर्मा .अतिरिक्त मुख्य अभियंता (सिविल )राकेश मल्होत्रा अधीक्षण अभियंता जी के पालीवाल  सहित परियोजना के सुरक्षा अधिकारी उपस्थित रहे।

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