'रसानुभूति' में पण्डित बनारसीदास और उनके अर्धकथानक पर परिचर्चा आयोजित | Rasanubhumi main pandit banarasidas or unke ardh kathanak

'रसानुभूति' में पण्डित बनारसीदास और उनके अर्धकथानक पर परिचर्चा आयोजित

'रसानुभूति' में पण्डित बनारसीदास और उनके अर्धकथानक पर परिचर्चा आयोजित

इंदौर। सर्वोदय अहिंसा ट्रस्ट एवं मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा गुरुवार को डिजिटल परिचर्चा 'रसानुभूति' का आयोजन किया गया जिसमें भोपाल के वरिष्ठ साहित्यकार  मनोज जैन मधुर एवं मुम्बई के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. महेन्द्र जैन मुकुर बतौर वक्ता सम्मिलित हुए, परिचर्चा का संचालन भोपाल दूरदर्शन के एंकर व संपादक अंकुर शास्त्री ने किया। इसका संयोजन मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय सचिव गणतंत्र ओजस्वी व सर्वोदय के संजय शास्त्री ने किया।परिचर्चा का ध्येय साहित्यकारों के सामाजिक,धार्मिक, सांस्कृतिक और नैतिक अवदान को परिलक्षित करते हुए वैश्विक फलक पर साहित्यिक विमर्श करना हैं।

उक्त परिचर्चा में साहित्यकार द्वय ने पण्डित बनारसीदास के अर्धकथानक पर बातचीत करते हुए उनके साहित्यिक अवदान को रेखांकित किया साथ ही अर्धकथानक के माध्यम से उनके लेखन में प्रयुक्त भाषा व शैली पर चर्चा की, साहित्य में प्रयुक्त सवैया, छ्न्द आदि पर विस्तार से चर्चा की। अंत में आभार मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन अविचल, इन्दौर ने व्यक्त किया। इस अवसर पर अनेक साहित्यकार विद्वानों के अतिरिक्त मातृभाषा उन्नयन संस्थान की उपाध्यक्षा नीना जोशी, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य नीतेश गुप्ता, सतीश जैन नवल, अखिल भारतीय जैन युवा फैडरेशन, छिन्दवाडा से दीपकराज जैन आदि शामिल रहे।

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