जल जंगल और जमीन हर जगह फैल रहा प्रदूषण का जहर है पूरा तंत्र बिगड़ा
शहरों में कहर बरपा ने के बाद को रोना का रुक् गांव की ओर
किसानों का बारिश में भीगा हुआ गेहूं भी खरीदेगी सरकार
भोपाल (संतोष जैन) - पर्यावरण को लेकर क्या हमारी चिंता महज रस्म अदायगी है आंकड़े तो यही कहते हैं देश के दिल मध्यप्रदेश में प्रदूषण का जहर घोल रहा है भूमिगत पानी में फ्लोराइड नाइट्रेट की मात्रा ज्यादा है तो हवा में pm10 का स्तर करीब 2 गुना है जंगल अब जानवरों के लिए सुरक्षित नहीं रहे घटता वन क्षेत्र और कोर एरिया तक इंसान की घुसपैठ में जंगलों का परिस्थिति तंत्र बिगाड़ कर रख दिया है 11 जिलों में नहीं शुद्ध पानी टाइगर स्टेट में इस वर्ष 10 बाघ मरे भूजल प्रदूषण का कीर्तिमान कई जिलों में घट रहा है
शहरों में कहर बरपा ने के बाद कोरोना का रुख गांव की ओर
शहरों में कहर बरपा आने के बाद अब। गांवों का रुख कर लिया है दरअसल lock डाउन में जैसे-जैसे ढील बरती गई को रोना गांव की ओर फैलता गया लॉक डाउन के तीसरे फेज में ग्रीन जिलों में छूट और प्रवासी मजदूरों की आने के बाद संक्रमण की रफ्तार और बढ़ गई है प्रदेश के कई गांव ऐसे हैं जहां 1 महीने में संक्रमण तेजी से फैला है
किसानों का बारिश में भीगा हुआ गेहूं भी खरीदेगी सरकार मंत्री नरोत्तम मिश्रा बोले
निसर्ग तूफान के असर से हुई बारिश में खुले में रखा समर्थन मूल्य का लाखों कुंतल गेहूं भीग गया है इसे लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कलेक्टर कमिश्नर से चर्चा की मुख्यमंत्री ने कहा किसान चिंता ना करें उनके उपार्जित गेहूं का पूरा भुगतान किया जाएगा इधर मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा प्रदेश में गेहूं की खरीदी बंद हो चुकी है जो पांच छह जिलों जिले कोरो ना से ज्यादा प्रभावित हैं वहां खरीदी की अवधि बढ़ाई थी गेहूं लेकर उपार्जन केंद्रों पर पहुंचे किसानों का गेहूं यदि बारिश में भीग गया है तो वह भी सरकार खरीदेगी
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