कोरोना के साथ जीने के लिए बदलने होंगे अपने तरीके | Corona ke sath jine ke liye badalne honge apne tarike

कोरोना के साथ जीने के लिए बदलने होंगे अपने तरीके 

कोरोना के साथ जीने के लिए बदलने होंगे अपने तरीके

डिंडौरी (पप्पू पड़वार) - कोरोना संक्रमण का खतरा कब तक रहेगा यह कहना तो मुश्किल है, लेकिन अब लोगों को अपने जीने का तरीका बदलना होगा। दो महीने के लॉकडाउन में घर में रहकर लोगों ने अपनी आदतों में तो काफी बदलाव कर लिया है, लेकिन अब घर के बाहर भी नई व्यवस्थाओं के लिए के साथ खुद को ढालना होगा। जिला डिंडौरी के जनपद मुख्यालय समनापुर में रोजमार्रा की जरूरत की चीजों को खरीदने के लिए जहां पहले कोई नियम कायदे नहीं थे, लेकिन अब व्यापारियों ने कोरोना से बचने के लिए एक दायरा तय कर दिया है। मुख्यालय के कई ऐसे दुकानदार है जिन्होंने कोरोना के खिलाफ जागरुक बनकर नए उदाहरण पेश कर रहे हैं।

मेडीकल स्टोर: एक मीटर की दूरी से दे रहे दवाई
कस्बे के कई मेडीकल स्टोर संचालकों ने सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान रखते हुए दुकान के बाहर लोहे की ग्रिल व रस्सी बांध दी है। किसी भी ग्राहक को दुकान के अंदर आने की अनुमति नहीं है। ग्राहक से पर्चा लेकर उसको दवाई दे रहे हैं। रुपए लेने के बाद उनको सेनेटाइज भी कर रहे हैं। मेडीकल संचालक सेल्समैन को सेनेटाइज करने के बाद ही दुकान में प्रवेश दिया जा रहा है, साथ ही मास्क और दस्ताने पहनना अनिवार्य है। ग्राहकों को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ लाइन में लगकर ही दवाई दी जा रही है। गर्मी में ग्राहकों की सुविधा के लिए कुर्सियां और ग्रीन नेट लगाकर छाया की व्यवस्था भी की है।
कोरोना से जंग जीतना है तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सख्ती से करना होगा। सोशल डिस्टेंसिंग बनी रहे इसलिए  दुकान के बाहर लोहे की ग्रिल लगायी गई है। ग्राहक भी जागरुक है इसलिए वह नियमों को पालन कर रहे हैं।
मदनमोहन राय, मेडीकल संचालक, समनापुर 

पैक कर ले जाएं, घर जाकर खाएं
 समोसे -जलेबी और मिठाई

मुख्यालय में अब नाश्ते और मिठाई की कुछ दुकानें भी खुल गई है। जिन पर गरमा-गरम सामोसे- जलेबी और मिठाई बनना शुरू हो गई है। लेकिन दुकान पर खड़े होकर आप इन गरमा-गरम नाश्ते का स्वाद नहीं चख सकते हैं, इसके लिए आपको पैक कराकर घर ही लेकर जाना होगा। गांधी चौंक स्थित मिठाई की दुकान पर ग्राहकों सेनेटाइज करने बाद ही प्रवेश दिया जा रहा है। मिठाई पैके करने और रुपए लेने के लिए अलग-अलग लोगों को जिम्मेदारी दी गई है। मिठाई न तो चखाई जा रही है और न वहां खड़े होकर खाने की अनुमति है।
हलवाई मास्क, कैंप और दस्ताने पहनकर ही नाश्ता और मिठाई तैयार कर रहा है।
समोसा-जलेबी बनाना शुरू कर दिए है। कोरोना संक्रमण से बचाव को देखते हुए अभी सिर्फ पैकिंग करके ही दे रहे है दुकान पर खाने की व्यवस्था अभी शुरू नहीं की है। अभी सिर्फ सीमित मात्र में ही नाश्ता तैयार कर रहे हैं। - संतोष बर्मन , राज होटल समनापुर,


पहनकर नहीं देख सकेंगे कपड़े, खरीद लिए फिर वापस भी नहीं

रेडीमेड कपड़ों के शोरूम संचालकों ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए काफी कड़े नियम कर दिए है। अब न तो आप कपड़ों को हाथ लगा सकेंगे और न आप कपड़े पहनकर देख सकेंगे। आपको सेल्समैन को बताना होगा अपना साइज और कलर वह आपको दे देगा। एक बार आप कपड़े को घर ले गए तो उसके बाद न तो बदला जाएग और न वापस होगा। जूते खरीदने के लिए जरूर आपको पहनने कर देखने की छूट रहेगी, लेकिन आपको जूते का नंबर बताना होगा और वह भी शर्त के साथ की आप जूता खरीदेंगे। जूते की ट्रायल भी कुछ सुरक्षा के साथ करना होगी।

ग्राहक को दुकान में आने से पहले  सेनेटाइज करने बाद ही प्रवेश दे रहे हैं। साथ उसका नाम और मोबाइल नंबर भी नोट किया जा रहा है। कपड़ों की ट्रायल पूरी तरह से बंद कर दी गई है।

सुशील साहू रेडीमेड शोरूम संचालक, समनापुर

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