कोरोना जो दिखाए सो कम बदमान किया पीने वालो को, और हाथ धोकर पिलाने पर उतारू है सरकार
बुरहानपुर। (अमर दिवाने) पहले ठेकेदारों को हड़काया की सबको पिलाओ, वो भाग खड़े हुए तो अब सरकार खुद बिगाड़ रही अपने भांजो को।
अब तो सरकार ही शराबी हो गई,
प्रदेश की बिगड़ी तबीयत अस्पताल को दिखाई तो बोले पहले कोराना टेस्ट कराओ। अर्थशास्त्रियों (डाक्टर) ने बताया कि इसको कोरोना हुआ है। नोट की कमी बताई है। कोरोना से प्रदेश में वीकनेस बहुत बड़ गई है। सांस लेने में भी तकलीफ है। एमपी में सिर्फ 3 वेंटिलेटर है। पहला पेट्रोल की कीमत जो पहले से बहुत ज्यादा है। दूसरा खनिज विभाग मगर बारिश के चलते अभी वो खराब पड़ा है। अब बचा सिर्फ आबकारी ठेकों से आय। सो सरकार को इसी वेंटिलेटर का सहारा ( 10 हजार करोड़ ) है। मरता क्या नी करता सो लेट गए इस पर...।
वैसे तो मामा शराब के खिलाफ है, कमलनाथ सरकार ने पिछले महीनों नई शराब दुकान व अन्य रियायतें दी तो भड़क उठे थे। मगर अभी सेहत के खातिर पीने पिलाने से परहेज भी नहीं कर रहे। ठेकेदार बोल रहे की साहब, आपकी तो ठीक लोगो की सेहत का तो सोचो। उनके पास भी पैसा नहीं है पर मामा ने ठान ली की अब वो पिलाएंगे...।
महामारी से बाद में निपटते रहेंगे। स्कूल बाद में देखेंगे। सड़क के गड्ढे अब बारिश बाद भरेंगे। मोटर चले तो ठीक, ना चले तो और भी ठीक। रोजगार समस्या नहीं है, सबको बोल दिया है कि आत्म निर्भर बनो, याने सरकार के भरोसे मत बैठो। रोजगार (मलाईदार) के चक्कर में 50 से ज्यादा भोपाल में डेरा डाले बैठे है। सबकी सेहत खराब है। उस पर से 22 का कुनबा और आ गया मलाई खाने।
बहरहाल...अभी तो मूड बनाइए। मंदिर अभी बन्द है मगर ठेकों पर है सरकार।
(मदिरापान स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है)
कोरोना हारेंगा, हम जीतेंगे जरूर।
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