केंद्र और राज्य सरकार को मजदूरों की परेशानी से कोई वास्ता नही - तरुण मंडलोई
अलीराजपुर (रफीक क़ुरैशी) - इन दिनों हजारों की संख्या में गरीब मजदूर इस लॉक डाउन में अपने घर पैदल निकल पड़े हैं। चाहे वह बिहार हो उत्तर प्रदेश हो महाराष्ट्र हो मध्य प्रदेश हो गुजरात हो। कई लोगों की तो पैदल चलते चलते जान तक चली गयी। आज हिंदुस्तान मैं ऐसा प्रतीत होता है के अमीर और गरीब के बीच की खाई बहुत गहरी हो गई । यह बाते अलीराजपुर युवक कांग्रेस विधानसभा अध्यक्ष तरुण मंडलोई ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कही। उन्होंने कहा कि देश मे अमीर लोगों को विदेशों से लाया गया ओर उनको लाते भी क्यों नही आखिर बच्चे बड़े बड़े नेताओं के थे उद्योगपतियो के थे ओर आला अफसरों के थे। खेर उनके लाने का कोई विरोध नही है पर गरीब मजदूर जो दो वक्त की रोटी के लिए अपना गांव अपना आशियाना छोड़कर अन्य राज्यों में मजबूरी में मजदूरी कर रहे है उन्हें अपने ही देश में उनके निवास स्थान तक क्यों नहीं पहुंचाया गया। आज ऐसे लोग भूखे-प्यासे अपने छोटे-छोटे बच्चों व परिवार सहित अपने गाँवों की ओर निकल पड़े है। ऐसी सैकड़ों तस्वीरें देख कर मन बहुत विचलित होता है, यह सब हमारे अपने लोग हैं, इनकी ऐसी स्थिति का कारण क्या केवल गरीबी है। क्या इन लोगो के इनके घर समय रहते नही पहुचाया जा सकता था ..? क्या अब भी हम गर्व से कह सकते हैं की यह न्यू इंडिया हे..? हम दुनिया को रास्ता दिखाने कि ताकत रखते है।
आज देश के तमाम प्रतिष्ठित मीडिया चेनल स्टूडियो पर इस दर्दनाक झकझोर देने वाली स्थिति पर ना तो कोई टीवी डिबेट होता है डिबेट होती है बस पाकिस्तान हिन्दू मुसलमान पर । टीवी पर डिबेट में कभी सरकार से बेरोजगारी,भुखमरी बन्द होते उद्योग पर बहस नही हुई। लोगों को उनके निवास पर पहुंचाने की उचित मांग रखते हे वह तो धन्य हो कोटा वाले बच्चों को जिनकी वजह से मजदूरों को घर वापसी की एक उम्मीद जागी है।
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