घायल राष्ट्रीय पक्षी मोर ने ली प्रभु श्री राम की शरण | Ghayal rashtriy pakshi mor ne li prabhu shri raam ki sharan

घायल राष्ट्रीय पक्षी मोर ने ली प्रभु श्री राम की शरण

राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं महिला बाल विकास आयोग एवं ससमाजसेवीयों ने करवाया राष्ट्रीय पक्षी मोर का प्राथमिक उपचार

आखिर योजनाएं बनती ही क्यों है, यदि फाइल में सिमट कर रहना है तो..

घायल राष्ट्रीय पक्षी मोर ने ली प्रभु श्री राम की शरण

पेटलावद (संदीप बरबेटा) - तहसील के झकनावदा में करीब 400 राष्ट्रीय पक्षी मोर की संख्या है, कहने को तो मोर राष्ट्रीय पक्षी  है, लेकिन फॉरेस्ट विभाग या किसी उच्च अधिकारी का इन पक्षियों के रख-रखाव के लिए कोई ध्यान नहीं है।       

झकनावदा क्षेत्र में आए दिन मोर श्वान (कुत्तो) व जंगली जानवर आदि के शिकार बन जाते हैं। हमारे चैनल के माध्यम से कुछ  दिनों पूर्व भी एक वीडियो के माध्यम से आपको दिखाया गया था। जिसमें राष्ट्रीय पक्षी मोर के पीछे श्वान शिकार करने दौड़ता नजर आ रहा था।                

इसी क्रम में 26 मई शाम 6 बजे मिस्त्री मोहल्ला स्थित श्री राम मंदिर चौराहे पर राष्ट्रीय पक्षी मोर आहार पानी के चक्कर में सड़क पर घूम रहा था, कि पीछे से एक श्वान मोर का शिकार करने के लिए झपटा, लेकिन मोर अपनी जान बचाकर समीपस्थ स्थित श्री राम मंदिर के अंदर घुस गया। जहां मोर प्रभु श्री राम-लक्ष्मणजी माता सीताजी की प्रतिमा के पास जाकर बैठ गया। कुछ समय बाद मोर घायल अवस्था में दिखाई दिया। तब उक्त मोहल्ले के  जागरूक नागरिक ने उक्त सूचना समाजसेवी शांतिलाल कासवा व राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं महिला बाल विकास आयोग के प्रतिनिधि प्रदेश अध्यक्ष मनीष कुमट तथा संजय व्यास को दी। उक्त घटना का पता लगते ही तीनों श्री राम मंदिर पहुंचे, जहां देखा कि मोर की हालत गंभीर थी। तत्पश्चात कुमट ने पशु चिकित्सक डॉक्टर अवासिया को घायल मोर की स्थिति से अवगत करवाया जिसके बाद डॉ अवासिया ने अपने सहायक संतोष को तत्काल मौके पर भेजा। जहां से मोर की हालत देखते हुए उन्हे  संतोष ने बताया कि इसे अस्पताल ले जाना पड़ेगा तब मनीष कुमट, शांतिलाल कांसवा, संजय व्यास एवं विकास राठौर द्वारा पशु चिकित्सालय झकनावदा ले जाया गया। जहां मोर का प्राथमिक उपचार कर उसे एक कमरे में रखा गया। डॉक्टर अवासिया ने बताया कि इसका एक दिन ओर इलाज करना पड़ेगा। जिसके बाद उसकी स्थिति पहले जैसी हो जाएगी। लेकिन अब सवाल यह है कि आखिर मोर देश का राष्ट्रीय पक्षी तो है, लेकिन इनकी सुरक्षा की ओर किसी भी उच्च अधिकारी का ध्यान क्यो नहीं जाता।    
                              
*योजनाएं केवल कागजों पर*

 राष्ट्रीय पक्षी मोरो के लिए जो भी योजनाएं बनती है, वह केवल फाइलों में सिमट जाती है, आखिर क्यों देश के राष्ट्रीय पक्षियों के लिए सरकार मोर अभ्यारण केंद्र बनाने पर विचार नही करती है। यदि इस क्षेत्र में मोर अभ्यारण केंद्र बन जाएं तो हमारे देश का राष्ट्रीय पक्षी मोर बिल्कुल सुरक्षित हो जाएगा और वह आहार-पानी की व्यवस्था के चलते सड़कों पर नहीं आएंगे।                                  

*एक ओर मोर गंभीर स्थिति में मिला*                               

27 मई को प्रातः अभय कोठारी ने एक और गंभीर स्थिति में मोर को देखा, जो चलने में असक्षम था। यह जानकारी अभय कोठारी ने मनीष कुमट व संजय व्यास को दी। जिस पर घायल मोर को उपचार के लिए चिकित्सालय ले जाया गया। जहां उसका प्राथमिक उपचार कर इलाज हेतु भर्ती किया। यदि ऐसे ही राष्ट्रीय पक्षी मोर श्वान के शिकार होते रहे, तो धीरे-धीरे देश का राष्ट्रीय पक्षी मोर की प्रजाति विलुप्त हो जाएगी। 26 मई की शाम घायल हुए मोर की हालत ठीक होने पर राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं महिला बाल विकास आयोग के प्रतिनिधि प्रदेश अध्यक्ष मनीष कुमट व संजय व्यास ने डॉक्टर की टीम के साथ उसे सुरक्षित जंगल में छुड़वाया। जहां मोर की हालत ठीक होने से वह दौड़ता हुआ नजर आया।

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