घर परिवार छोड़ मरीजों की सेवा कर रहे हैं डॉक्टर लेखी
पीथमपुर (प्रदीप द्विवेदी) - लेखी हॉस्पिटल का संचालन करने वाले डॉक्टर राजेश लेखी लगभग 25 वर्षों से अपनी सेवाएं दे रहे हैं। डॉक्टर लेखी कड़ी मेहनत करने वाले डॉक्टर हैं। मरीजों की सेवा को भगवान की सेवा समझते हैं। दिन हो रात बिना आलस्य के मरीजों की सेवा करने में अपना सौभाग्य समझते हैं।
करोना महामारी के चलते आपने सेवा कार्य हेतु सेवा कार्य हेतु अपनी एंबुलेंस भी दान दे दी। साथ ही अपने रेस्टोरेंट से अप्रवासी मजदूरों एवं अस्पतालों में मुफ्त भोजन के पैकेट का वितरण भी कराया। सेवा भाव को देखते हुए पीथमपुर अस्पताल पर अपने ऑफिस को ही अपना घर बना लिया। जहां स्मार्ट टीवी, छोटा फ्रिज ,पलंग बिस्तर व पहनने के कपड़े भी मंगवा लिए। जब से करोना महामारी का प्रकोप आया है तब से डॉक्टर लेखी ने अपने घर नहीं गए। जब भी मरीजों से फुर्सत मिलती यही आराम कर लेते हैं। यही साधारण सी ड्रेस पहनकर मरीजों की सेवा करते हैं जब भी मौका मिलता है थोड़ी सी झपकी ले लेते हैं। अपने ऑफिस के रिसेप्शन से कह रखा है जब भी कोई मरीज आए मुझे तुरंत ही सूचना दें।
आज 28 मई को लेखी के अस्पताल पर मैंने जाकर देखा डॉक्टर साहब एक बनियान पहन रखी है और नीचे बरमुंडा एक साधारण से व्यक्तित्व के रूप में देखा। जैसा ऊपर लिखा गया है वैसा ही कमरा पाया। मरीज वाले बेड को अपने ऑफिस में लगा रखा है ।जब भी मौका मिलता है यही आराम कर लेते हैं। खाना मिल जाता है तो यहीं पर खा लेते, उनके चेहरे पर एकदम मुस्कान लिए हुए कहा कि मुझे मरीजों की सेवा करने में ऐसा अनुभव करता हूं जैसे मैं भगवान की सेवा कर रहा हूं। निजी फैक्ट्रियों में भी जहां से कॉल आता है वहां भी अपनी सेवा देता हूं। पीथमपुर महू आदि आसपास के क्षेत्रों में गरीब असहाय मजदूरों की सेवा निशुल्क करता हूं। मेरा पूरा स्टाफ 24 घंटे अपनी सेवाएं देने में खुशी का अनुभव करते हैं।
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