कोरोना से मरने वालों की दर में मध्यप्रदेश आगे बढ़ी चिंता | Corona se marne walo ki dar main mp aage

कोरोना से मरने वालों की दर में मध्यप्रदेश आगे बढ़ी चिंता 

भोपाल (संतोष जैन) - रेड जोन की 9 जिलों में जरूरी वस्तुओं की दुकानों को ही  ढील

 भोपाल में प्रेस कंपलेक्स तक पहुंचा को रोना संक्रमण 

अब नई औद्योगिक नीति लाएगी मध्य प्रदेश सरकार

 रेल मंत्री को भेजी मजदूरों की सूची 

जनता से संवाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना के मद्देनजर किया ऐलान सोलर एनर्जी से संचालित होंगी नल जल योजना 


400 किलो गुलाब की पंखुड़ियों को सैनिटाइज कर बरसाया 


जीएसटी  लॉक डाउन के कारण 3 दशमलव 5100000 में से 22000 लोग ही मार्च का रिटर्न फाइल कर पाए 

3b रिटर्न फाइल करने में पिछड़ा मध्य प्रदेश

 लेट फीस और ब्याज में राहत बड़े राज्य भी पीछे

 बिजली बिल माफ व्यापारियों को समिति में करें शामिल


 lockdown के तीसरे चरण में केंद्र सरकार की ओर से गतिविधियों में दी गई छूट मध्य प्रदेश सरकार ने रेड जोन के लिए अलग गाइडलाइन जारी की है 9 red zone में सिर्फ अत्यावश्यक वस्तुओं को ही छूट के दायरे में रखा गया है यहां शराब और  पान दुकानों पर पाबंदी ही रहेगी रेड जोन में जहां संक्रमित ओं का आंकड़ा कम है वहां कुछ ज्यादा छूट दी गई है मध्यप्रदेश मे करो ना का असर रेड जोन में तो काफी हद तक कम हुआ लेकिन ग्रीन जोन की ओर फैलने लगा है 37 जिले अभी तक करुणा की चपेट में थे लेकिन रविवार को झाबुआ में भी इसका संक्रमण देखने को मिला 

भोपाल में प्रेस कंपलेक्स तक पहुंचा को रोना 

राजधानी में कोरना रविवार को प्रेस कंपलेक्स तक पहुंच गया भोपाल में 15 नए संक्रमित की पुष्टि हुई इनमें से तीन प्रेस कांप्लेक्स स्थित झुग्गी बस्ती के रहने वाले हैं इनमें से एक मीडिया संस्थान में साफ सफाई का काम भी करता है जानकारी मिलने पर तीनों को चिरायु अस्पताल भेजा गया है

 मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को ऐलान किया कि को रोना काल में निवेश बढ़ाने के लिए सरकार नई औद्योगिक नीति लाएगी

 मध्यप्रदेश में  कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है  मृत्यु दर के मामले में स्थिति और भी गंभीर है इसमें मध्यप्रदेश  पहले नंबर पर है जबकि  कोरो ना से मौत के आंकड़े में तीसरे नंबर पर

 यह मौत के कारण

 मध्यप्रदेश में  करो ना से मौत का सबसे बड़ा कारण मरीज का अस्पताल देरी से पहुंचना है यहां संक्रमण छिपाने के कारण सैंपलिंग और जांच में देरी होती है इन मरीजों की मौत हुई है उनका अस्पताल में रहने का औसत 3 दिन है वहीं जांच में देरी सैंपल की रिपोर्ट देर से आना और इलाज में देरी भी बड़ी वजह है यह भी जांच का विषय है कि प्रदेश में सरकार की बजाय निजी अस्पतालों में मृत्यु दर ज्यादा क्यों है 

70% मौत निजी अस्पताल में हुई

 जन स्वास्थ्य अभियान की रिपोर्ट के मुताबिक मध्यप्रदेश कोरोना से डेथ रेट में देश में  टॉप पर है यह भी गंभीर है कि यहां सरकारी की बजाय निजी अस्पतालों में मृत्यु दर ज्यादा है

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