जिले में 14 एक्टिव केस, भेजे गए 1049 संदिग्धों के सैंपल
डिंडौरी (पप्पू पड़वार) - काम की तलाश में महानगरों की ओर गए मजदूरों का वापस लौटना लगातार जारी है। स्थिति यह है कि अभी भी बड़ी संख्या में मजदूर जिलेभर के गांव में वापस लौट रहे हैं। महाराष्ट्र राज्य के विभिन्न शहरों सहित मुंबई से लौटने वाले मजदूरों की संख्या अधिक है। ऐसे में प्रशासन की समस्या बढ़ गई है। महाराष्ट्र में कोरोना वायरस का संक्रमण बुरी तरह फैला हुआ है। ऐसे में वहां से लौट रहे मजदूरों को लेकर विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश भी प्रशासन द्वारा जारी किए जा रहे हैं। जिलेभर से अब तक 1049 संदिग्धों के सैंपल जांच के लिए भेजे जा चुके हैं।
राहत भरी बात यह है कि अधिकांश सैंपल की जांच रिपोर्ट निगेटिव आ रही है। विभाग द्वारा जारी किए गए आंकड़ों की मानें तो 915 लोगों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है। गौरतलब है कि जिलेभर में कोरोना पॉजिटिव की संख्या 16 है। इनमें से दो मरीज स्वस्थ होकर वापस अपने घर लौट चुके हैं। वर्तमान में कोरोना वायरस के एक्टिव मरीजों की संख्या 14 है, जिनका इलाज एकलव्य स्कूल में बने सेंटर में किया जा रहा है।
32 हजार 986 मजदूर बाहर से लौटे
बताया गया कि इन दिनों राहत शिविर में 6 हजार 879 लोगों को रखा गया है। बड़ी संख्या में लोगों को संस्थागत क्वारंटाइन करने के साथ होम क्वारंटाइन करने की बात कही जा रही है। अन्य राज्य व प्रदेश के अन्य जिलों से मजदूरों की संख्या जो लौट कर आए हैं, उनकी संख्या बढ़कर 32 हजार 986 होना बताया जा रहा है। बताया गया कि 27 हजार 505 को होम क्वारंटाइन किया गया है, जबकि 1 हजार 328 को संस्थागत क्वारंटाइन करना बताया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों की मानें तो अभी तक जो भी कोरोना पॉजिटिव सामने आए हैं उनकी हालत अच्छी बताई जा रही है। सभी पर विशेष नजर रखी जा रही है। गाड़ासरई में गत दिनों कोरोना पॉजिटिव पाए गए अधेड़ के संपर्क में आए लोगों की भी जांच रिपोर्ट आज आने की संभावना है। इस पर भी प्रशासन की नजर बनी हुई है।
लॉकडाउन के दौरान दुकान बंद होने से लोगों ने बदल दिए व्यवसाय
कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे को देखते हुए चाय, नाश्ता, चाट, पान दुकानें खोलने पर लगे प्रतिबंध के चलते दुकानदारों ने अपना व्यवसाय बदल दिया है। अवंती चौक पर पान दुकान संचालित करने वाले दुर्गेश ने बताया कि लॉकडाउन के चलते उनकी दुकान बंद है। ऐसे में जीवन-यापन का संकट खड़ा हो गया है। रोजी रोटी चलाने के लिए वे सब्जी की दुकान लगा रहे हैं। इसी तरह कलेक्ट्रेट के पास पान दुकान संचालक ने बताया कि उन्होंने भी सब्जी की दुकान लगाना ही बेतर विकल्प समझा है। इसी तरह चाय व चाट का ठेला लगाने वाले भी सब्जी सहित अन्य व्यवसाय से जुड़ गए हैं।
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