तपस्वी बहन विमलादेवी कोठारी ने अपना चौथा वर्षितप पारणा ईक्षु रस से अपने निवास पर किया | Tapasvi bahen vimla devi kothari ne apna chotha varshitap

तपस्वी बहन विमलादेवी कोठारी ने अपना चौथा वर्षितप पारणा ईक्षु  रस से अपने निवास पर किया

लाडले पोते रियांश के हाथों किया  ईक्षु  रस से  पारणा

तपस्वी बहन विमलादेवी कोठारी ने अपना चौथा वर्षितप पारणा ईक्षु  रस से अपने निवास पर किया

झकनावदा (राकेश लछेटा) - जिनशासन में अक्षय तृतीया  का बड़ा ही महत्व होता है। जहाँ वर्षभर की तपस्याओं की पूर्णाहुति की जाती है।  झकनावदा की  वरिष्ठ श्राविका श्रीमती  विमला देवी -जसकरण  जी कोठारी के चौथे वर्षीतप के आराधना की पूर्णाहुति अक्षय तृतीया पर अपने निजी निवास पर की गई। चूंकि  पूरे देश में भयावह  महामारी कोरोना वायरस  व लोकडाउन के चलते सभी सामाजिक एवं धार्मिक आयोजनों को प्रशासन के आदेशानुसार निरस्त कर दिए गए है। श्रीमती कोठारी  ने  हमारे संवाददाता  से खास चर्चा में बताया कि  मैंने  कुल 3 वर्षीतप अभी तक  पूर्ण किए हैं ! जिसमें से  पहला वर्षितप  मैंने  आचार्य श्री  ऋषभचंद्र सुरीश्वर जी महाराज सा. की पावन निश्रा में मोहनखेड़ा तीर्थ में किया था!  दूसरा  पारणा  गुजरात राज्य के (वाऊ नगर)  मैं आचार्य श्री महाश्रमण जी महाराज साहब की निश्रा में व तीसरा पारणा मंदसौर में स्थानकवासी श्री राम मुनि जी महाराज साहब की पावन निश्रा में किया था!  व इस वर्षभर की तपस्या की पूर्णाहुति का पारणा कोरोना  जैसी वैश्विक महामारी के कारण अपने घर पर ही व अपने पूरे परिवार के साथ ईक्षु रस  से करना तय किया! उसी क्रम में तपस्वी बहन विमला देवी का पारा उनके लाड़ले पोते रियांश कोठारी के हाथो ईक्षु रस ग्रहण कर किया! इस अवसर पर परिवार के संजय- मंजू कोठारी, श्रेणीक- विनीता कोठारी, ऋषभ- आयुषी कोठारी सहित परिवार के सदस्य गण उपस्थित थे! पूरे परिवार ने एक दूसरे से दूरी बनाकर पुरे सोशल डिसटेंसी का पालन किया! साथ ही पूरे परिवार ने विमला देवी की तपस्या पर अनुमोदना..अनुमोदना..अनुमोदना..बारंबार जैसे दोहे से अनुमोदना की! साथ ही श्रीमती विमला देवी ने देशभर में जितने भी वर्षी तप के तपस्वी  उन सब की कुशलक्षेम पूछी।

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