गृह मंत्रालय के स्पष्टीकरण के तहत अब फैक्ट्री को सील करने या प्रबंधन पर प्रकरण दर्ज करने के निर्देश नहीं
पीथमपुर (प्रदीप द्विवेदी) - पीथमपुर केन्द्र सरकार द्वारा औद्योगिक क्षेत्रों में शर्तों के साथ अनुमति देने के बावजूद पीथमपुर सहित देश के 90 प्रतिशत उद्योग शुरू नहीं हुए।क्योंकि कई शर्तें बड़ी डरावनी थी, जिनमें कोरोना मरीज मिलने पर फैक्ट्री सील करने,उद्योग प्रबंधक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने ,की बात कही गई थी। लेकिन अब गृह मंत्रालय ने स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा है कि ऐसी परिस्थितियों में न फैक्ट्री सील की जाएगी ।और न ही एफआईआर दर्ज की जाएगी।
अभी 40 दिन के लॉकडाउन के चलते ग्रीन झोन वाले इलाकों में उद्योगों से लेकर अन्य कारोबार‑दुकानों को शर्तों के साथ खोलने की अनुमति दी जा रही है। वहीं ए के वी एन द्वारा भी कई उद्योगों को शर्तों के साथ उद्योग शुरू करने की अनुमति दी गई साथ ही प्रदेश सरकार ने उद्योगपतियों से अनुरोध भी किया कि वे धीरे-धीरे काम शुरू करें,ताकि मजदूरों को भी काम मिल सके, लेकिन कोरोना वायरस से डरे उद्योगपति अभी काम शुरू करने के लिए तैयार नहीं हैं। क्योंकि उद्योग संचालन में इस तरह की शर्तें लगा दीं गई थी । अगर किसी उद्योग या उनके कार्य स्थल पर किसी कर्मचारी या मजदूर कोरोना पॉजिटिव अथवा संक्रमित पाया जाता है ,तो उद्योग को सील कर प्रबंधक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी। इसके चलते 90 प्रतिशत से अधिक उद्योग चालू नहीं किए गए। औद्योगिक संगठनों का कहना था कि मजदूरों को कार्य स्थल पर ही ठहराने की व्यवस्था हर जगह नहीं है। शारीरिक दूरी से लेकर अन्य कड़े प्रावधानों को भी लगातार अमल में नहीं लाया जा सकता।
इसके बाद कल गृह मंत्रालय ने स्पष्टीकरण भी जारी किया कि फैक्ट्री को सील करने या प्रबंधन पर प्रकरण दर्ज करने के ऐसे कोई निर्देश और शर्त लागू नहीं की गई है। उद्योग पर्याप्त सावधानी को बरतते हुए काम शुरू करें। पीथमपुर में भी बड़ी तादाद में फैक्ट्रियां लगी हुई हैं और यहां भी हजारों मजदूर काम करते हैं लेकिन यहां काम शुरू नहीं हो पाया है। क्योंकि यह क्षेत्र इंदौर और धार दोनों की सीमा में लगता है। फैक्ट्री के अधिकतर प्रबंधक इंदौर में रहते हैं और इंदौर रेड झोन में होने के कारण उनका फैक्ट्री पहुंचना मुश्किल है। अब देखना है पीथमपुर में काम कैसे संचालित हो पाएगा।
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