सप्ताह भर से गुंज रही कुर्र-कुर्र भरी कुर्राटिया, बज रहे ढोल-मांदल, बासुरी की धुन, थाली एवं घुंघरूओ की खनक हुई एक वर्ष के लिए शांत
जिले का अंतिम भगोरिए उत्साह एवं उमंग के साथ हुए समपन्न
आलीराजपुर (रफीक क़ुरैशी) - आदिवासी लोक सभ्यता एवं संस्कृति का प्रतिक प्रसिद्ध भगोरिया का समापन उत्साह एवं उमंग के साथ सोमवार को अलीराजपुर एवं आजाद नगर के आखरी भगोरिया मेले के साथ हो गया। अंतिम दिन भराए भगोरिया मंेेले का आदिवासी समाज के हजारो लोगो के साथ-साथ पर्यटको एवं आमजनो ने भी जमकर आनंद उठाया। वहि जिले मंे एक सप्ताह से गुंज रही कुर्राटिया बज रहे ढोल, मांदल, थाली एवं घुंघरूओ की खनक एक वर्ष के लिए शांत हो गई। भगोरिया मेले उमड़े हजारो आदिवासी नर-नारी व बच्चांे ने नाचते-गाते झुमते हुए भगारिए का अपने पारंपरिक अंदाज मंे विदाई दी।
*मदमस्त होकर उल्लासपूर्वक मनाते हुए नजर आए*
भगोरिया के चलते सुबह से ही नगर मे चोराहो एवं अनेक मार्गो पर भगौरिए की चहल-पहल दिखाई देने लग गई। दोपहर होते ही ग्रामिणो का जनसेलाब उमडा ओर नगर के चारो ओर भीड ही भीड दिखाई दे रही थी। युवक-युवतियो की टोलिया आर्कषक साज-श्रृंगार कर विशेष वेशभुषा मे सुसज्जित होकर भगोरिया हाट मे नजर आए। जहां एक और युवतियां अपनी पारंपरिक वेशभुषा मंे दिखाई दी वहि दुसरी और युवक धोती कुरता छोड़ जींस एवं टिसर्ट मंे चश्मा पहनकर मुहं मंे पान का बीडा दबाकर नाचते गाते नजर आए। इस दौरान आदिवासी समाज मे पारंपारिक रची-बसी लोक सभ्यता एवं संस्कृति का नजारा देखने को मिला। पर्व को लेकर अपने सारे दुःख भुलाकर मदमस्त होकर मस्ती मे हर कोई डुबा हुआ है। वही युवा वर्ग बासुरी एंव मंादलो की थाप पर मदमस्त होकर कुर्राटियो की कुर्राट मे झुमते नजर आए। मांदल की थाप और बासुरी की मधुर धुन पर लोगो के लोकनृत्य की टोलिया लोगो को आर्कषित कर रही है। पुरे नगर मे भगोरिये को लेकर खुशी का माहोल देखा गया। मेलास्थल पर झूले-चकरी सहित अन्य सामग्राी का भी लोगो ने जमकर आंनद उठाया। मेले मे आए ग्रामिंणो ने शरबत, बर्फ, कुल्फी एंव आईस्क्रिम का भी मजा लिया। नगर मे जिले का अंतिम भगोरिया हाट एवं होली पर्व होने से यहां पर व्यापारियों का व्यवसाय कुल मिलाकर अच्छा रहा। ग्रामीणों ने परंपरागत खैल खिलोने, नारियल, गन्ना, चने, हार कंगन, खजुर, गुलाल आदि की भी खरीददारी की।
*राजनेता खुद थिरके और दुसरो को भी थिरकाया*
भगोरिया पर्व में आदिवासी अचंल की प्रसिद्ध मांदल और ढोल से ग्रामीणों की गैर निकलने का अंदाज ही कुछ ओर रहता है। जिसे देखने के लिए देश-विदेश और अन्य शहरों से इस आदिवासी अचंल में भागोरिया की गैर देखने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक आते है। पर्व के चलते कांगेस एवं भाजपा के स्थानिय राजनेताआंे ने भी अपने-अपने कार्यकर्ताआंे के साथ गैर निकालकर राजनैतिक रंग घोलने की पुरी कोशिश की। स्थानिय सिनेमा चोराहे स्थित कांग्रेस कार्यालय पर जिला कांगे्रस कमेटी अध्यक्ष महेश पटेल, विधायक मुकेश पटेल एवं नपाध्यक्ष सेना पटेल के नेतृत्व मे भगोरिया पर्व मनाया गया। इस दोरान जिलाध्यक्ष महेश पटेल, विधायक मुकेश पटेल ने जमकर ढोल-मांदल की थाप दी। वह खुद थिरके और दुसरो को भी जमकर थिरकाया। कांग्रेस कार्यालय के सामने देर शाम तक उल्लास छाया रहा, यहां पर बडी संख्या में ग्रामीण एक दर्जन से अधिक ढोल-मांदल के साथ करीब चार घंटे तक थिरकते रहे। इस अवसर पर बडी संख्या मे कांगेे्रस कार्यकर्ता एवं ग्रामिणजन मोजुद थे। पर्व के चलते कलेक्टर सुरभी गुप्ता भी आदिवासी पारंपारिक वेशभुषा पहनकर सपरिवार आबकारी कार्यालय के सामने लगे एक शामियाने में पहुंची। जहां पर जिकां अध्यक्ष पटेल, विधायक पटेल ने उनका स्वागत किया। कलेक्टर श्रीमती गुप्ता एसपी विपुल श्रीवास्तव ने पटेल परिवार को भगोरिया पर्व की शुभकामनाएं दी। इस दोरान कलेक्टर श्रीमती गुप्ता, एसपी विपुल श्रीवास्तव, एसडीएम विजय कुमार मंडलोई, सहायक आयुक्त मीना मंडलोई, जिला खेल अधिकारी सुश्री संतरा निनामा भी मांदल की थाप पर जमकर थिरकते हुए नजर आए। वहि दुसरी ओर पुर्व विधायक नागरसिंह चोहान एवं पुर्व विधायक माधोसिंह डावर के नेतृत्व मे जिला पंचायत कार्यालय तक एक गैर निकाली। गेर मे श्री चोहान ने भी मादल बजाकर कार्यकर्ताओ ओर गामिणो को खुब थिरकाया। इस दौरान भाजपा नेता भदु पचाया, भुवानसिंह चोहान सहित अनेक कार्यकर्तागंण मोजुद थे। इधर जय आदिवासी युवा संगठन के पदाधिकारियो एवं कार्यकर्ताओ ने नगर के बस स्टैंण्ड पर पारंपारिक अंदाज मे एक गैर निकाली ओर जमकर सामुहिक न्रत्य गान की प्रस्तुती दी।
*सर्वाधिक लोकप्रिय भगोरिया वालपुर एवं अलीराजपुर का रहा*
विगत 03 मार्च मंगलवार से लेकर 09 मार्च सोमवार के दौरान जिले मंे कुल 16 भगोरिया मेलो का आयोजन किया गया। जिनमंे सर्वाधिक लोकप्रिय भगोरिया वालपुर एवं अलीराजपुर क्षेत्र का रहा, जहां पर भगोरिया की सभी पंरपराआंे का पालन किया गया। हालाकि अन्य स्थानो के भगोरिये भी विशेष उत्साह से लबरेज नजर आए। मगर ग्रामिणो मे जो उत्साह ओर उमंग वालपुर एवं अलीराजपुर भगोरिए मे देखने को मिली वह कही अन्य जगहो पर देखने को नही मिली। सात दिनो तक चले इस पर्व के दौरान पुरे जिले मंे लाखो आदिवासी परिवारो ने अपने पर्व की परंपराओ का निर्वहन करने मंे कोई कसर नही छोड़ी। हंसते गाते अपने दुख कष्टो आदि की चिंता को दुर करते हुए क्षेत्र के आदिवासियांे ने भगोरिया की रंगत को आज के समय मंे भी कायम रखा हुआ है। कुल मिलाकर जिले मंे भगोरिए पर्व का पुरा आयोजन शांति एवं उल्लास के साथ समपन्न हो सका।
*चाँक-चोबंद रही प्रशासन की व्यवस्थाए*
कलेक्टर श्रीमती गुप्ता एवं पुलिस कप्तान श्रीवास्तव के नेतृत्व मंे भगोरिया हाट को शांतिपुर्वक निपटाने के लिए उचित प्रबंध किए थे। नगर के विभिन्न चोराहो एवं मार्गो पर प्रशासन के अमले ने व्यवस्था पूरी तरह से सुदृढ़ ढंग से संभाल रखी थी। मेलास्थल मे आने-जाने वाले मागर्¨ पर पुलिस के जवान तैनात थ्¨ ज¨ कि हुड़दंगीय¨ पर नजर रखे हुए थे। नगर के चोराहो पर खुफिया केमरो से नजर रखी जा रही थी। एसडीओपी पुलिस धीरज बब्बर एवं थाना प्रभारी दिनेश सोलंकी पुलिस दल-बल सहित नगर के चोराहो पर सघन पेट्रोलिंग करते हुए नजर आए। प्रशासन के दल-बल ने शाम चार बजे से भगोरिया में आए ग्रामीणों को मेलास्थल से एवं नगर के गली चैराहों से उन्हे अपने घरो की और रवाना करते हुए दिखाई दिए। जिले का आखरी भगारिया के शांतिपुर्ण निपट जाने से प्रशासन एवं आमजनो ने राहत की सांस ली।.
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