पुर्व विधायक चोहान के आरोप पर आदिवासी समाज ओर रंले ने किया पलटवार
कहा यदि आरोप सही है तो हम साथ है, आरोप झूठे निराधार साबित हुए तो समाज देगा मुहतोड़ जवाब
आलीराजपुर (रफीक क़ुरैशी) - आदिवासी बाहुल्य जिला है जहाँ हर कोई अधिकारी-कर्मचारियों के कंधों पर बंदूक रखकर अपनी नेतागीरी चमकाने में लगे रहते है। आम जनता का पैसा गबन करने में माहिर सभी अधिकारी-ठेकेदार ओर नेताओ ने आमजनता के टेक्स का पैसा अपनी अपनी खदानें, फेक्ट्री, जमीन बनाने में उपयोग कर करोड़ों की संपत्ति बना ली है। उक्त बाते आदिवासी समाज ओर रंले के जिलाध्यक्ष मुकेश रावत एवं पदाधिकारी अरविंद कनेश ओर विक्रम चैहान द्वारा गत दिनो पूर्व विधायक नागरसिंह चैहान और पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष किशोर शाह के आवेदन जिसमें सोण्डवा बीआरसी भंगूसिंह तोमर पर आरोप लगाकर एक करोड़ से अधिक की खेल सामग्री के गबन पर कार्यवाही करने का आवेदन जिला कलेक्टर सुरभि गुप्ता को देने के बाद कही। उन्होने जारी विज्ञप्ति मे बताया कि बीआरसी भंगूसिंह तोमर आदिवासी समाज के समाजिक संगठन एवं आदिवासी कर्मचारी-अधिकारी संगठन के सक्रिय पदाधिकारी है। जो अपने शासकीय कार्यो के साथ सही मायने में समाज के प्रतिनिधित्व का कार्य समय-समय पर कर समाज मे संवेधानिक जनजाग्रति अभियान में सहयोग करते है। वो एक ईमानदार ओर कर्तव्यनिष्ठ कर्मचारी है जो सोंडवा जैसे सबसे बड़े एवं दुरुस्त क्षेत्र के सर्वांगीण विकास एवं क्षेत्र की आवश्यकता के अनुसार पिछले एक वर्ष से बीआरसी के पद पर रहकर कार्य कर रहे है। सोण्डवा में शिक्षा के क्षेत्र में कई नये प्रयोग कर शिक्षा सुधार में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे है। श्री तोमर को कई बार शिक्षा के क्षेत्र उत्कृष्ठ योगदान के लिए शासन प्रशासन केबड़े-बड़े कार्यक्रम एवं मंच पर सम्मानित भी किये जा चुके हैं। पिछले 15 सालों से विधायक रहे पूर्व विधायक श्री चैहान ओर किशोर शाह ने जो आवेदन दिया है यदि वो सही है, तो उसकी सम्पूर्ण जांच कराई जाए और सही पाया जाता है। तो बकायदा दोषियों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावे ओर यदि आरोप निराधार है तो हम इसके खिलाफ जाएंगे और जिन लोगो ने ये आवेदन देकर आदिवासी समाज के सामाजिक संगठन को बदनाम करने की कोशिश कर रहे है। उनके खिलाफ एक शासकीय कर्मचारी ओर आदिवासी समाज के कार्यकर्ता के खिलाफ षड्यंत्र कर झूठी अफवाहें फैलाकर उनका मान-सम्मान कम करने के खिलाफ आवेदन देकर एट्रोसिटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी। गांव-गाँव मे जाकर लोगो को बताया जाएगा कि हमारे आदिवासी कर्मचारियों-अधिकारीयो दुवारा जो कि कुछ ही है बड़ी मुश्किल से समाज हित मे काम कर समाज को जोड़ने का प्रयाश कर रहे है को किस तरह से कभी तबादले,तो कभी पद से हटाकर,तो कभी इस तरह आरोप लगाकर बदनाम करने की साजिश की जा रही है। ऐसे लोगो को समय आने पर जनता जवाब देगी। आवेदन देने के बाद सोशल मिडिया में वायरल एक लिंक न्यूज के बाद समाज के पदाधिकारी देर शाम श्री तोमर के घर जाकर मिले और उनसे इस सबन्ध में पूरी जानकारी ली तो पता चला के इस सबन्ध में जो आदेश आये है उसकी प्रतिलिपि तक बीआरसी के पास नही आई है,आदेश देखने के बाद पता चला कि सामग्री क्रय करने के लिए सबंधित शालाओं की समिति के खाते में सीधे राज्य शिक्षा केन्द्र के दुवारा राशि जारी की गई है ओर शाला प्रबंध समिति अपने विवेक से कही से भी सामग्री क्रय कर सकती है। जबकि जिले स्तर पर जिला शिक्षा अधिकारी, सहायक आयुक्त, विकासखण्ड का मुखिया विकासखण्ड होते है इसके बावजूद समाज के कर्मठ कर्मचारी छवि खराब करने के लिए झुठे आरोप लगाये गये है। उन्हें किस तरह कैसे उपयोग करते है उन्हें उसकी जानकारी नही है की वो किन ठेकेदारों से किस प्रकार का सामान लेकर बच्चो को वितरित कर रहे है, ओर शाला प्रबंध समिति को ही सीधे राज्य शिक्षा केन्द्र से राशि प्राप्त हुई है।वे ही स्वत्रन्त्र है कि वे अपने विवेक से कही से भी समग्री क्रय करे। श्री तोमर द्वारा शासन के उस पत्र को दिखाते हुए बताया के मुझ पर एक करोड़, 34 लाख 85 हजार गबन का आरोप लगाया है। जबकि सोण्डवा विकासखण्ड में 75 मिडिल शाला में 10000 रुपए के मान से यदि राशि शालाओं को प्राप्त होती हैं तो 7,50,000 ही होती है ओर प्रकार 410 है। जिसे 5000 हजार रुपये के मान से प्राथमिक शालाओं में 20,50,000 होती है और योग 28,00,000 मतलब 28 (लाख रूपये) ही होते है। इससे साबित होता है कि हवा में तीर चलाकर एक कर्तव्यनिष्ठ सामाजिक छवि के कर्मचारी की छवि को धूमिल करने की कोशिश की है। अब एसएमसी उब किसके इशारे पर कैसे काम करती है हमे इसकी जानकारी नही है और मेरे खिलाफ लगे आरोपों को सिद्ध करके बताये में जांच के लिए तैयार हु ओर पुरा सहयोग करूंगा। उसी दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष वकीलंिसह ठकराल से मोबाइल से बातचित में बताया के उनको इस आवेदन के सबन्ध में कोई जानकारी नही है हालांकि न्यूज में जरूर पड़ा है। आदिवासी समाज के पदाधिकारियों द्वारा इस आवेदन ओर आरोप की निंदा करते हुए कहा के भाजपा के शासन काल में सहायक आयुक्त भ्रष्टाचार के सरदार हुआ करते थे जिले में करोड़ो कब गबन करने के लिए उन्हें किसने श्रेय दे रखा था,उन्हें जिले के सहायक आयुक्त जैसे पद पर किसकी मेहरबानी से बने थे और कितने होस्टल से हटाने, बिठाने, सामग्री क्रय-विक्रय से लेकर आदिम जाति कल्याण विभाग को किस तरह हासिये पर शिक्षा को लाकर खड़ा किया था तब आपने क्यो नही कोई आवेदन देकर जांच अथवा पित की मांग की। जबकि सेकड़ो बार आदिवासी समाज द्वारा ऐसे मुद्दे को कई बार उठाए गए थे और आज भी भ्रष्टाचार के खिलाफ हम खड़े है। जनपद पंचायत विभाग में भ्रष्टाचार किसी को नही दिखता, करोड़ों के रोड़, भवन, पुल को लाखों में बनाये जा रहे है तब आप चुप रहते है, क्योंकि उसका कमीशन सबकी जेब मे चले जाता है। आरटीओ में साठगांठ से किसकी गोंडल बसे अवैद्य रूपसे गुजरात में जा रही है पूरा जिले की जनता जानती है। आज किसके पास अवैद्य सम्पत्ति, जमीन, गाड़ी है जिलेवासियों को बताने की जरूरत नही है। श्री तोमर दम्पत्ति तो शासकीय कर्मचारी है क्या एक शासकीय कर्मचारी अधिकारी गाड़ी लेकर नही घूम सकता,,,? इस तरह के बयान देकर पुर्व विधायक श्री चैहान और शाह अपनी ओर भाजपा दोनो की छवि प्रदेश स्तर पर खराब कर रहे है और हम इसकी शिकायत हाईकमान तक करेंगे। पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि हमे किसी दल से न लगाव है न सहयोग किया है हम आज भी अपने समाज के लिए संवेधानिक जंग लड़ रहे है और यदि इस तरह बार-बार हमारे अधिकारी कर्मचारियों को परेशान करना बंद करें वरना उसका नुकसान उन्हें ही होगा।
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