नवजात शिशु के संक्रमण की पहचान कर किया वर्गीकरण | Navjat shishu ke sankraman ki pehchan kr kiya vargikaran

नवजात शिशु के संक्रमण की पहचान कर किया वर्गीकरण

नवजात शिशु के संक्रमण की पहचान कर किया वर्गीकरण

डिंडौरी (पप्पू पड़वार) - जिला मुख्यालय डिंडौरी के सदगुरू भवन में  पीएलए प्रशिक्षण के आठवे बेच में दूसरे दिवस पीएलए बैठक संख्या 13 में नवजात शिशु में होने वाले गंभीर एवं स्थानीय जीवाणु संक्रमण के बारे में 20 सेहत सखियों को प्रशिक्षण दिया गया जिसमें बच्चे का ठंडा पड़ जाना, सुस्त पड़ना, तेज सांस, बुखार आना, घरघराना, बच्चे का दूध न पीना, 10 फुंसी 1 बड़ा फोड़ा होना, आदि गंभीर संक्रमण नाभिनाल एवं आंखों से पस निकलना स्थानीय संक्रमण है। संक्रमण की पहचान चित्रकार्ड के माध्यम से की गई साथ ही बैठक में मौखिक अभ्यास के खेल से संक्रमण का वर्गीकरण किया गया। प्रशिक्षण में *राज्य कार्यालय एकजुट संस्था भोपाल से भावना मैडम, प्रदीप सर, एवं शशिकांत सर* द्वारा चल रहे प्रशिक्षण सत्र में उपस्थित होकर अवलोकन किया साथ ही 20 प्रतिभागियों से बातचीत की गई। *संस्था निवसीड* से उमागणेश लोधी ने बताया कि ग्रामो में बैठकों के माध्यम से गर्भ का पंजीकरण, पोषण आहार खाने, आयरन केल्सियम की गोली खाने, गर्भवती माता व शिशु का टीका लगवाने, प्रसव पूर्व चार जाँच कराना एवं संस्था गत प्रसव के लिए प्रेरित किया जाता है। एवं माता मृत्यु शिशु मृत्यु दर में कमी लाने एवं माता बच्चे के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए ये बैठके खेल, कहानी, चित्रकार्ड, कहानी एवं नाटक के माध्यम से की जाती है जिसमे ग्राम के सभी महिला पुरुष उपस्थित होते है। प्रशिक्षण में दिनेश चंदेल, देवराज कछवाहा, कुशराम डेहरिया आदि उपस्थित रह।

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