प्रवर्तक देव ने की धर्मदास सम्प्रदाय के सन्त सतियों के 2020 वर्षावास की घोषणा | Pravartak dev ne ki dharmadas sampraday ke sant satiyo ke 2020

प्रवर्तक देव ने की धर्मदास सम्प्रदाय के सन्त सतियों के 2020 वर्षावास की घोषणा

प्रवर्तक देव जिनेन्द्रमुनिजी का वर्षावास उज्जैन में

प्रवर्तक देव ने की धर्मदास सम्प्रदाय के सन्त सतियों के 2020 वर्षावास की घोषणा

झाबुआ (अली असगर बोहरा) - भर दो झोली मेरी मेरे गुरुवर दर से तेरे न जाऊंगा खाली कुछ इस तरह का नजारा झाबुआ जिले के कल्याणपुरा नगर में दिखा जब जैन जगत के धर्मदास गण प्रमुख जिन शासन गौरव आचार्य भगवंत पूज्य श्रीउमेशमुनिजी के प्रशिष्य आंगन विशारद बुद्धपुत्र प्रवर्तक गुरुदेव पूज्य श्रीजिनेन्द्रमुनिजी के पास वर्ष 2020 के चातुर्मास काल में सन्त सतियों के वर्षावास की विनन्ति लेकर महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान व मध्यप्रदेश के अनेक स्थानों के श्रीसंघ पदाधिकारीगण, श्रावक - श्राविकाएं उपस्थित हुए। पूज्यश्री ने सभी को धर्म सन्देश देते हुए फरमाया कि जिनेश्वर देवों ने धर्म आराधना की दृष्टि से कल्प की व्यवस्था की है। सतियों के 8 तो सन्तों के 9 कल्प होते है। जिनमें से वर्षावास सबसे बड़ा कल्प होता है। अतः धर्माराधना की दृष्टि से इसका महत्व बढ़ जाता है, इसलिए सभी की इच्छा रहती है कि उनके यहाँ किसी न किसी सन्त अथवा सतियों का चातुर्मास मिलें लेकिन सन्त सतियों की कमी के कारण सभी की इच्छा पूरी करना सम्भव नही है इसलिये जिन्हें वर्षावास मिलता है उन्हें रत्नत्रय की आराधना से दीपाना चाहिए वही जिन्हें चतुर्मास नही मिले वह नाराज न होते हुए भावना भाते रहे व धर्म आराधना करते रहे। पूज्यश्री ने कहा कि आचार्य भगवंत श्रीउमेशमुनिजी के उपकार से यह धर्मदासगण फल फूल रहा है सभी धर्माराधना करते हुए उनके उपकारों को याद करते रहते है। संघ पर गण की सतियों का भी अधिक उपकार है, क्योंकि वह संख्या में ज्यादा है व सभी को धर्म आराधना में प्रेरणा देने का विशेष पुरुषार्थ भी करती है इसलिये जिन्हें उनका चातुर्मास मिलें वह पूरी जिम्मेदारी से उनकी वैयावच्च का लाभ लेकर धर्म आराधना करें।

गुरुदेव ने की सभी सन्त सतियों के चातुर्मास की घोषणा

आगम विशारद बुद्धपुत्र पूज्य प्रवर्तक गुरुदेव श्री जिनेंद्रमुनिजी म.सा. आदि ठाणा-  नमक मंडी उज्जैन(मप्र),
अणु वत्स पूज्य श्री संयतमुनिजी मुनिजी म सा आदि ठाणा - नागदा(धार)मप्र,
तत्व मनीषी पूज्य श्री धर्मेन्द्रमुनिजी म सा आदि - हाटपिपल्या (मप्र),
मधुर व्याख्यानी पूज्य श्री संदीपमुनिजी म सा आदि -बड़वाह (मप्र),
मधुर व्याख्यानि पूज्य दिलीप मुनीजी म सा आदि ठाणा - दाहोद(गुजरात),
स्थविरा महासती पूज्या श्री पुष्पालताजी म सा आदि ठाणा - खाचरोद(मप्र),
प्रवचन प्रभाविका महासती पूज्या श्री प्रविणाजी म सा- 4 धार (मप्र)
शासन प्रभाविका महासती पूज्या श्री संयमप्रभाजी म सा -7 घोटी (महारष्ट्र),
वात्सल्यमूर्ति महासती पूज्या श्री मधुबालाजी म सा -6 रतलाम (मप्र),
 महासती पूज्या श्री आदर्श ज्योति जी म सा आदि-ठाणा राजमोहल्ला इंदौर (मप्र),
महासती पूज्या श्री मुक्तिप्रभाजी म सा आदि ठाणा - 4 बामनिया (मप्र),
पुण्यपुंज  महासती पूज्या श्री पुण्यशीलाजी म. सा. आदि ठाणा के वर्षावास स्थल - क्रमशः
मेघनगर, बदनावर, मुलथान व देवास (मप्र) में होंगे।
महासती पूज्या श्री धर्मलताजी आदि ठाणा- नागपुर (महाराष्ट्र),
महासती पूज्या श्री निखिलशीलाजी आदि ठाणा- 4   - थांदला (मप्र) द्रव्य क्षेत्र काल आदि की मर्यादा रखते हुए घोषित किये गए।  सभी संघों में बहुत ही हर्ष का माहौल है तथा सभी संघों ने प्रवर्तक श्री को कृतज्ञता प्रेषित की व कल्याणपुरा संघ को आतिथ्य सत्कार व सुंदर व्यवस्था के लिए हार्दिक धन्यवाद दिया गया।

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