रोटी बैंक द्वारा बुजुर्ग, निर्धन, असहाय लोंगो को रोज गरमा गर्म भोजन 200 टिफिनो के द्वारा पोहचाया जा रहा है | Roti bank dwara buzurg nirdhan asahaya logo ko roz garma garm bhojan

रोटी बैंक द्वारा बुजुर्ग, निर्धन, असहाय लोंगो को रोज गरमा गर्म भोजन 200 टिफिनो के द्वारा पोहचाया जा रहा है

रोटी बैंक द्वारा बुजुर्ग, निर्धन, असहाय लोंगो को रोज गरमा गर्म भोजन 200 टिफिनो के द्वारा पोहचाया जा रहा है

बुरहानपुर (अमर दिवाने) - स्व. विजयकुमार सिंह शिंदे फाउंडेशन रोटी बैंक संस्था द्वारा घर पोहच टिफिन चलित सेवा कार्य है जो पिछले 5 माह से निरन्तर चल रहा है। किंतु सरकार द्वारा कर्फ्यू के आदेश जारी होंने से टिफिन सेवा पिछले 2-3 दिनों से बंद थी। जो कि आज से जिला प्रशासन द्वारा निर्धारित आदेशो के कारण पुनः शुरू की गई सेवा। हवा में ज़हर नही था उन दिनों, ना नफ़रतें वायरल होती थी, न वायरस। लेकिन अब बदलती फिज़ाओं के दौर में जहां हर चीजें वायरल हो रही है। वहीं कोरोना नाम की यह त्रासदी जब वायरल होने को उतारू हुई तो करोड़ों लोगों को घरों में कैद कर दिया। सोशल मीडिया के इस दौर में आपसे सोशल डिस्टेंस बनाकर रखने की गुजारिश की जा रही है। लेकिन मानवता का अपना एक अलग ही मज़हब है। यह ऐसा धर्म है जहां इससे जुड़े लोग न दिन देखते हैं न रात, न जात देखते है न धर्म। त्रासदी के इस दौर में भी शहर के समाज सेवियो ने मानव सेवा का आखिर बीड़ा उठा ही लिया। बीड़ा इसलिए लिखा क्योंकि बीड़ा अक्सर जोखिम भरे कामों का ही उठाया जाता है। भीषण त्रासद के इस दौर में जिंदगी रिवाइंड मॉड पर तो नही जा सकती है। लेकिन संकट में फंसे लोगों को भूख से न तड़पना पड़े इसके लिए शहर के रोटी बैंक संस्था ने त्रासदी के दौरान न सिर्फ असहाय, निर्धन ,बेबस और लाचारों को लगातार अपनी मदद दे रहे हैं। कुछ तस्वीरें मैंने कैमरे में कैद की जो खुद आपको इंसानियत की पूरी दास्ता बया कर देंगी। इस दौरान रोटी बैंक मैनेजर संजयसिंह शिंदे, सदस्य मोहन भुजबल,सूर्यकांत ससाने मास्टर जी, जयन्त मुंशी, विकाश शाह संस्था के मीडिया प्रभारी अमर दिवाने ने बताया की हमारी पूरी टीम जो करीब 200 टिफिन भोजन जरूरतमंद लोंगो तक पहोचाने में मदत कर रही है। 

रोटी बैंक द्वारा बुजुर्ग, निर्धन, असहाय लोंगो को रोज गरमा गर्म भोजन 200 टिफिनो के द्वारा पोहचाया जा रहा है

*तुम्हारे मोहब्बत और परवाह के रंग कितने गहरे हैं....उन रंगों की सुर्खी हमेशा बनाके रखना।*

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