दो वर्षों से दंडवत कर रहे नर्मदा परिक्रमा
धामनोद (मुकेश सोडानी) - चित्र में आप जो देख रहे है भीषण गर्मी में एक महाराज दंडवत होकर गंतव्य की ओर बढ़ रहे हैं उनके हाथ में श्रीफल है जिसे रखकर फिर वही दंडवत प्रक्रिया अपनाकर वह निरंतर आगे बढ़ रहे हैं आप और हम सब के लिए कठिन साधना है लेकिन इस साधना को पूर्ण कर रहे दंडवत महाराज जोकि नर्मदा परिक्रमा पर है वह एक कठिन साधना कर रहे हैं बताया गया कि दंडवत महाराज ने अपनी परिक्रमा वर्ष 2018 में शुरू की थी अब अमरकंटक जाकर परिक्रमा समाप्त की जाएगी बताया गया कि प्रतिदिन 5 किलोमीटर दंडवत करते हुए वह गुजरते है अमरकंटक से उनकी यात्रा शुरू हुई थी अब वही जाकर समाप्त होगी करीब डेढ़ वर्ष का समय इसमें और लगेगा जब वह नगर से गुजरे तो श्रद्धालुओ ने उन्हें दूर से प्रणाम किया उनके साथ उनके दो सहयोगी भी थे देश में अमन चैन शांति का संदेश बना रहे इसी उद्देश्य को लेकर यह परिक्रमा की जा रही है
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