पुरानी रुढ़ी को तोड़कर नई मिसाल कायम की | Purani rudi ko todkar nai misal kayam ki

पुरानी रुढ़ी को तोड़कर नई मिसाल कायम की

परिजनों ने स्मृति भेंट के बदले प्रतिभाओं को पुरस्कृत करने की घोषणा की

पुरानी रुढ़ी को तोड़कर नई मिसाल कायम की

मेघनगर (जुजर अली बोहरा) - आचार्य भगवंत पूज्य गुरुदेव श्री उमेशमुनि म.सा. के अनन्य भक्त तथा पूज्य नंदाचार्य साहित्य समिति के पूर्व अध्यक्ष एवं पू.धर्मदास गणपरिषद व अखिल भारतीय जैन कॉन्फ्रेंस जैसी संस्था के प्रमुख पदों को सुशोभित करने वाले सुश्रावक नगीनलालजी झामर के देवलोकगमन पर प्रवर्तक पूज्य गुरुदेव बुद्धपुत्र श्री जिनेंद्रमुनिजी म.सा. ने भेजे अपने संदेश में कहा कि सदैव देव,गुरु और धर्म की सेवा में तत्पर व पू.नंदाचार्य साहित्य समिति को नए आयाम देने वाले नगीनलालजी झामर के कार्य सबके लिए प्रेरणादायक है। आप आगे भी जिनशासन को प्राप्त करें।

इसी क्रम अणुवत्स पूज्य श्री संयतमुनिजी म.सा व तत्वज्ञ पूज्य श्री धर्मेंद्रमुनिजी ने अपने संदेश में कहा कि आपमें एक नहीं अनेक विशेषताएं थी। आप बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे।पूज्या मुक्तिप्रभाजी म.सा.,पूज्या पुण्यशीलाजी म.सा.आदि ने भी संदेश प्रेषित किए।

पुरानी रुढ़ी को तोड़कर नई मिसाल कायम की

श्रद्धांजलि सभा में आशा भिमानी ग्रुप मुंबई ने अणुभक्ति संगीत,नमस्कार महामंत्र व लोगस्स की संगीतमय प्रस्तुति के साथ स्व.नगीनलालजी झामर को भावांजलि अर्पित की। 

श्रद्धांजलि सभा में महाराष्ट्र, गुजरात एवं राजस्थान व अन्य प्रदेशों से विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारी तथा परिजन उपस्थित थे। इस अवसर पर पूज्य धर्मदास जैन स्वाध्याय संघ के अध्यक्ष भरत भंसाली ने कहा की आप साहित्य एवं श्रुत प्रेमी थे। समाज के सभी कामों में छोटे एवं बड़ों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलते थे।आपके प्रयासों से ही नंदाचार्य साहित्य समिति ने नये आयामों को प्राप्त किया। इस संस्था के साथ ही आप पूज्य धर्मदास गण परिषद के भी नींव के पत्थर थे। पूज्य गुरु भगवंत द्वारा लिखित साहित्य के प्रति आपकी अगाध श्रद्धा को देखते हुए परिजनों द्वारा स्मृति-भेंट की रूढी को बंद करके एक नियत दानराशि द्वारा माधवाचार्य परीक्षा बोर्ड में भाग लेने वाले सभी कक्षाओं में प्रथम आने वाले 10 टॉपर को पांच वर्षो तक प्रति वर्ष पुरस्कार देने की घोषणा का स्वागत किया। 

सभा में  नीरज जैन पेटलावद,  विनीत वागरेचा दाहोद,महेन्द्र कर्णावत लिमडी,अर्चना गादिया कुशलगढ़,हर्षा रुनवाल धार, विनोद बाफना व यशवंत बाफना ने भी अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए। गुरुभगवंत के पत्र का वाचन श्रीसंघ के सचिव रवि सुराना ने किया।

स्मृति को चिरस्थाई बनाए रखने के लिए परिजनों ने अणु स्वाध्याय भवन,पूज्य नंदाचार्य साहित्य समिति,श्री शांति सुमतिनाथ जैन मंदिर,ज्ञान मंदिर,शंकर मंदिर,सांईं मंदिर, गणेश मंदिर,जिनशासन गौरव, धर्मधारा आदि कई संस्थाओं में दान राशि देने की घोषणा की।आभार प्रदर्शन पंकज झामर ने किया।

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