सीएए और एनआरसी के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुई मेघा पाटकर और विधायक डॉ अलावा
धार - नागरिकता कानून के माध्यम से इस देश के लोगों को बांटने की साजिश की जा रही है। मॉब लिचिंग जैसी घटनाओं में अमानवीय संहार किया जा रहा है। देशभर में मॉब लिचिंग सहित इसके विरोध प्रदर्शन को कोर्ट को सुमोटो लेना चाहिए। जरूरी नहीं है कि इसके विरोध में कोई पीटिशन दायर करें। कोर्ट स्वमेव संविधान के ऊपर उठकर इस तरह के कानूनों को लागू करने वाले विषय पर संज्ञान लेकर निर्णय ले सकती है। इस देश में लोगों को न्याय पालिका से बहुत उम्मीदें है। समय-समय पर न्याय पालिका अपने निर्णयों से संविधान की रक्षा और लोगों के विश्वास को कायम रखने के लिए फैसले करते आई है। उक्त बात रविवार को सीएए और एनआरसी के विरोध में चल रहे प्रदर्शन के दौरान नर्मदा बचाओं आंदोलन की प्रमुख सुश्री मेघा पाटकर ने धार के गुलमोहर कॉलोनी में आयोजित धरने के दौरान कही।
आदिवासी-मुस्लिम देश की खुबसूरती को बनाएं रखे
धरना प्रदर्शन में जयस संरक्षक और मनावर से कांग्रेस विधायक डॉ हीरालाल अलावा भी शामिल हुए। उन्होंने मौजूद लोगों को आश्वस्त किया है कि वह प्रदेश की कांग्रेस सरकार से मांग करेंगे कि सदन में सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रस्ताव लाया जाए। राज्य सभा में भी इस प्रस्ताव को लाने के लिए आवाज उठाएंगे। लोगों को संबोधित करते हुए श्री अलावा ने कहा कि देश की खुबसूरती इसकी भाषाई और धार्मिक व सांस्कृतिक विविधताओं के कारण अन्य देशों से अलग है। अब देश की खुबसूरती को आदिवासी और मुस्लिमों को बनाएं रखना है। हमारा संगठन और हमारी पार्टी आप लोगों के साथ है। डॉक्टर अलावा ने सुश्री पाटकर के आदिवासी क्षेत्रों के लोगों के मुद्दों को लेकर पिछले 35 साल के संघर्ष की प्रशंसा की।
21 दिन से जारी है धरना
सीएए और एनआरसी के विरोध में धार के श्रीनगर कॉलोनी जय प्रकाश मार्ग में पिछले 21 दिनों से धरना प्रदर्शन चल रहा है। यहां पर लोग प्रतिदिन सुबह से लेकर सर्द रात तक निरंतर विरोध दर्ज करा रहे हैं। भाषणों का दौर रहता है तो कभी शायरी से मुस्लिमों का देश की आजादी में योगदान और मुल्क के प्रति उनकी भावनाओं का जिक्र किया जाता है। यहां ‘राहत इंदौरी’ के शेर मौजू बने हुए हैं। भाषणों से लोग उक्ता नहीं जाए इसलिए बीच-बीच में ऐसे लोगों को भी बोलने का मौका मिलता है जो आसान शायरी के माध्यम से मुस्लिमों के सीएए को लेकर डर और विरोध के कारणों का जिक्र करते रहते हैं। यहां पर अल्पसंख्यक विभाग प्रदेशाध्यक्ष मुजीब कुरैशी व नर्मदा आंदोलन करी माधुरी बेन सहित कई लोग संबोधित कर चुके हैं। रविवार को धरने में शहरकाजी वकार सादिक भी शामिल रहे। शहरकाजी ने अपने संक्षिप्त व्यक्तत्व में कहा कि हिन्दू-मुस्लिम-सिख-इसाई के साथ मिलकर बना देश की एकता का गुलदस्ता टूटना नहीं चाहिए। प्रदर्शन के दौरान ,विनोद चौहान गुणवाद ,वकील विजय शर्माजी ,वकील आदिल क़ुरैशी , गमरिया बल्लू ,नितेश,सेहजाद मोहसिन,सोहेल, जावेद सहित बड़ी संख्या में युवा और बुजूर्ग मौजूद थे।