बीमार वृद्धा को हाथ ठेले पर लाद भटकते रहे परिजन
जानकारी का आभाव
डिंडौरी (पप्पू पड़वार) - आदिवासी जिले में जागरुकता के अभाव में दो बुजुर्ग महिलाएं एक बीमार महिला को इलाज के लिए हाथ ठेले पर लादकर इधर-उधर भटकते दिखीं, जिन्हें नागरिकों की मदद से शीघ्र एंबुलेंस द्वारा अस्पताल पहुंचाया गया। मामला जिला मुख्यालय डिंडौरी के वार्ड नं -15 का है, बीमार वॄद्धा को उपचार के लिए ले जाने वाली महिलाओं को यह इल्म ही नहीं था कि इस तरह की आपातकालीन स्थिति में सरकार द्वारा एंबुलेंस की सेवाएं भी उपलब्ध कराई जाती है।
इलाज के लिए भटकती बुजुर्ग
वार्ड नंबर- 15 में रहने वाली बुजुर्ग महिला केतकी बाई राठौर का शुगर बढ़ने की स्थिति में अचानक तबीयत बिगड़ गई, केतकी की छोटी बहन माया बाई को जब पता चला तो वह केतकी को एक हाथ ठेले पर लादकर एक अन्य बुजुर्ग महिला के साथ उपचार हेतु बैंक पहुंचकर पहले पैसे इंतजाम किया फिर निजी डॉक्टर के पास जाने लगी. सड़क पर जा रहे ठेले पर अनेक नगर वासियों की नजर थी पर सभी मूक दर्शक बने निहारते रहे किसी ने साथ नहीं दिया.
केतकी को ठेले पर ले जाते देख कुछ लोगों ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी को फोन पर जानकारी दी और 108 एंबुलेंस बुलाई, इसके बाद केतकी बाई को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है.
केतकी को ठेले पर ले जाने वाली उसकी बहन ममता बाई ने बताया कि उसकी बहन की तबीयत खराब हो गई थी, जिसके इलाज के लिए वह पुरानी डिंडौरी से डिंडौरी शहर तक उसे ठेले पर लेकर पहुंची, सरकारी सुविधाओं की जानकारी उसे नहीं थी और न ही उसके पास पैसे थे, जिसके चलते उसे केतकी बाई को ठेले पर लेकर जाना पड़ा.
Tags
dhar-nimad