वैदिक विप्र मंडल नगर की शांति उन्नति के लिए कर रहे प्रतिदिन पाठ | Vaidik vipr mandal nagar ki shanti unnati ke liye kr rhe pratidin path

वैदिक विप्र मंडल नगर की शांति उन्नति के लिए कर रहे प्रतिदिन पाठ

वैदिक विप्र मंडल नगर की शांति उन्नति के लिए कर रहे प्रतिदिन पाठ

धामनोद (मुकेश सोडानी) - नगर के राधा कृष्ण मंदिर मुक्तानंद परिसर में नगर एवं आसपास के कुल 30 ब्राह्मणों के द्वारा प्रतिदिन नगर कल्याण हेतु गणपति अथर्वशीर्ष एवं श्री सूक्त पाठ एवं हवन का आयोजन किया जा रहा है बताया गया कि यह आयोजन 3 दिन तक जारी है जानकारी देते हुए मंदिर में  पुजारियों ने बताया कि उपरोक्त आयोजन नगर में पहली बार किया जा रहा है जिसका मूल उद्देश्य नगर में कल्याण हो सुख शांति बनी रहे नगर के व्यापार की वृद्धि हो अन्य  जगह धामनोद नगर का नाम अग्रणी हो मंदिर में प्रतिदिन समाजसेवी भी पहुंचकर अपनी सेवाएं दे रहे हैं साथ-साथ यह भी बताया गया कि उपरोक्त आयोजन में किसी भी प्रकार से किसी से कोई मदद नहीं ली गई सिर्फ नगर के व्यवसाई एवं अन्य सहयोगी  वहां पहुंचकर इच्छा अनुसार मदद कर रहे हैं गौरतलब है कि वैदिक विप्र मंडल द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम क्षेत्र में पहली बार हो रहा है जिसमें ब्राह्मण समाज नगर की सुख समृद्धि के लिए भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं बताया गया कि गणेशजी की आराधना बहुत मंगलकारी मानी जाती है। उनके ‍भक्त विभिन्न प्रकार से उनकी आराधना करते हैं। अनेक श्लोक, स्तोत्र, जाप द्वारा गणेशजी को मनाया जाता है। इनमें से गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ विशेष कल्याणकारी है। प्रतिदिन प्रात:शुद्ध होकर इस पाठ करने से गणेशजी की कृपा अवश्य प्राप्त होती है संसार में शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति हो जो लक्ष्मी की कृपा से सुख समृद्धि और सफलता की कामना न करता हो राजा, रंक, छोटे बड़े सभी चाहते हैं कि लक्ष्मी सदा उनके घर में निवास करें, और व्यक्ति धन की प्राप्ति के लिए प्रयत्न भी करता हैऋग्वेद में माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए ‘श्री-सूक्त’ के पाठ और मन्त्रों के जप तथा मन्त्रों से हवन करने पर मनचाही मनोकामना पूरी होने की बात कही हैं अगर कोई श्री सूक्त का पाठ और मंत्रों से जप करता है उसकी इच्छाएं पूरी होकर ही रहती हैं  वंही श्री सूक्त पाठ भी बेहद कल्याणकारी बताया गया  बताया गया कि संसार में शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति हो जो लक्ष्मी की कृपा से सुख समृद्धि और सफलता की कामना न करता हो । राजा, रंक, छोटे बड़े सभी चाहते हैं कि लक्ष्मी सदा उनके घर में निवास करें, और व्यक्ति धन की प्राप्ति के लिए प्रयत्न भी करता है । ऋग्वेद में माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए ‘श्री-सूक्त’ के पाठ और मन्त्रों के जप तथा मन्त्रों से हवन करने पर मनचाही मनोकामना पूरी होने की बात कही हैं।

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