श्री रामशरणम् समिति के तत्वावधान में तीन दिवसीय आयोजन
झाबुआ (मनीष कुमट) - शहर के कॉलेज मार्ग स्थित श्री राम शरणम् भवन में श्री रामशरणम् समिति झाबुआ के तत्वावधान में तीन दिवसीय आयोजन के प्रथम दिन 5 जनवरी, रविवार को 2 हजार 108 महिलाओं एवं 2 हजार 186 पुरूष इस प्रकार कुल 4 हजार 294 भक्तों ने राम.नाम की दीक्षा ग्रहण की।
जानकारी देते हुए समिति अध्यक्ष हेमेन्द्र पटेल एवं सचिव बृजराजसिंह राठौर ने बताया कि विगत माह 16 दिसंबर 2019 को बाग जिला धार में 5 हजार 273 भक्तजनों ने 17 दिसंबर 2019 को बोलासा जिला झाबुआ में 2 हजार 191 28 दिसंबर 2019 को कल्याणपुरा में 9 हजार 72, 2 जनवरी 2020 को कुशलगढ़ ;राजस्थानद्ध में 1 हजार 681,3 जनवरी 2020 को कुपड़ाए बांसवाड़ा ;राजस्थानद्ध में 3 हजार 306, 4 जनवरी 2020 को दाहौद ;गुजरातद्ध में 2 हजार 279 एवं 5 जनवरी 2020 रविवार को झाबुआ में 4 हजार 294 राम भक्तों ने राम7नाम की दीक्षा को मिलाकर कुल 28 हजार 96 व्यक्तियों की श्री राम शरणम् झाबुआ क्षेत्रांतर्गत दीक्षाएं हुई है।
एलईडी स्क्रीन पर देखकर भक्तजनों ने ली दीक्षा
श्रीरामशरणम् के संस्थापक ब्रम्हविद स्वामी सत्यानंदजी महाराज साण्ए ब्रह्मलीन पपू श्री प्रेमजी महाराज साण् एवं ब्रम्हलीन पपू डॉ श्री विश्वामित्रजी महाराज साण् तीनों सद्गुरूजनों की सूक्ष्म उपस्थिति में एलईडी के माध्यम से दीक्षा हुई। दीक्षा उपरान्त सभी नवीन साधकों को तीनो सदगुरूजनों के फोटोए श्री अमृतवाणीजी एवं अभिमंत्रित की गई ऊन की माला प्रदान की गई। अभिमंत्रित मालाएं श्री स्वामी सत्यानंद धर्मार्थ ट्रस्ट श्री राम शरणम् नई दिल्ली द्वारा प्रदान की जाती हैए जिसे राम.नामजी के करोड़ो जाप कर राम.नाम को सिद्ध कर चुकी महिला साधकों द्वारा तैयार की जाती है।
शाम को हुआ खुले सत्संग का शुभारंभ एवं रामायण का पाठ
दोपहर 3 बजे से 19 परिवारों को श्री अधिष्ठानजी का प्रदाय किया गया। इसके लिए वे परिवार पात्र हैं जिन्होने साधना के क्षेत्र में अपने आप को उन्नत कर लिया है जिनका पूरा परिवार ;13 वर्ष से अधिक उम्र केद्ध दीक्षीत होए साथ ही जिन्होंने साधना सत्संग किया हुआ होए यह अधिष्ठानजी स्वामी सत्यानंद जी महाराज के जीवन की अमूल्य पूंजी है साधकों के लिए। शाम 7 से 8 में खुले सत्संग का शुभारंभए रामायण पाठ व प्रवचन हुए।
जिनमें सभी धर्मप्रेमी श्रद्धालुजन अधिक से अधिक संख्या में शामिल होकर सफल बनाने की अपील समिति ने की है।
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