मेरी आंखों के लावे को मेरी आंखों में रहने दो बसा है मुल्क सांसो में मेरी सांसो में रहने दो | Meri ankho ke lave ko meri ankho main rehne do

मेरी आंखों के लावे को मेरी आंखों में रहने दो बसा है मुल्क सांसो में मेरी सांसो में रहने दो

मेरी आंखों के लावे को मेरी आंखों में रहने दो बसा है मुल्क सांसो में मेरी सांसो में रहने दो

धामनोद (मुकेश सोडानी) - लिओ क्लब धामनोद एक्टिव द्वारा लियो स्व, प्रेम पाटीदार की स्मृति में आयोजित अखिल भारतीय विराट कवि सम्मेलन मैं काव्य प्रेमियो ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया कड़ाके की ठंड होने के बावजूद भी देर रात तक कविताओं का आनंद लिया कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती के माल्यार्पण एवं स्वर्गीय प्रेम पाटीदार को कवियों द्वारा श्रद्धा सुमन अर्पित करके कार्यक्रम की शुरुआत की क्लब के सदस्यों के द्वारा कवियों को पुष्प हार से स्वागत करके उन्हें अपने क्लब की लेवल पिन लगाकर सम्मान किया ध्वज वंदना लियो संजय जैन  द्वारा की स्वागत भाषण क्लब अध्यक्ष लियो विनोद पाटीदार द्वारा दिया वर्ष भर की गतिविधियों की जानकारी सचिव लियो हेमंत राठौड़ द्वारा दी गई उक्त कार्यक्रम में विधायक पाचीलाल मेंडॉ एवं नगर पंचायत अध्यक्ष दिनेश शर्मा का क्लब पदाधिकारी द्वारा पुष्पमाला से सम्मान किया उक्त कार्यक्रम का संचालन लियो संजय जैन द्वारा किया गया उसके बाद कवि सम्मेलन के सूत्रधार कवि जितेंद्र ज्वाला द्वारा देश के विभिन्न प्रांतों से पधारे  कवियों का परिचय दिया  गया रतलाम से पधारे हास्य रस के कवि नवरंग भंगार ने अपनी रचनाओं से पूरे सदन की तालियां बटोरी वी खाचरोद से पधारे विष्णु विश्वास नहीं भी श्रोताओं को खूब गुदगुदाया वीर रस के कवि रूप सिंह हाडा राजस्थान द्वारा सैनिकों पर अपनी रचित कविता मेरी आंखों के लावे को मेरी आंखों में रहने दो बसा है मुल्क सांसो में मेरी सांसो में रहने दो मेरी सांसे उभरती है रात में बोलना पाया लहू मेरा भी खोला था मगर मैं बोल ना पाया मगर मैं बोल ना पाया उक्त घटना से पूरे सदन में गर्म जोश भर दिया इतनी कड़ाके की ठंड होने के बावजूद भी काव्य प्रेमियों ने इस कवि सम्मेलन का भरपूर आनंद लिया मच पर कवि वीरेंद्र वीर ,रचना गोस्वामी ,रूपसिंह हाड़ा , नवरंग भगार, विष्णु विस्वाश, प्रशांत प्रयास और हमारे नगर के गौरव  कवि  कैलाश सिंघल द्वारा अपना काव्य पाठ किया संचालन नरेंद्र अटल द्वारा बॉर्डर पर सैनिक  की पत्नी की  क्या  व्यथा होती है उस पर पर अपनी रचित कविता से वर्णन किया सात फेरों की वो रस्म तुमने निभाई साथ रखोगे वो कसम तुमने खाई वो मंगल मुहूर्त तुम्हे याद करते वो साड़ी वो घने तुम्हे याद करते वो माथे की सिंदूर बिंदिया वो पैरो की बीछिया वाली कविता सुनाकर पूरे सदन को भावपूर्ण कर दिया 

इस कार्यक्रम में लियो क्लब के सदस्य लियो विनोद सेन, अंकित पाटीदार, दीपेश राठौड़, सुनील मराठा, राकेश पाटीदार, यश जैन ,अनुराग पाटीदार, चेतन अग्रवाल ,धीरज शर्मा ,अजय रूपाले ,श्याम पाटीदार, दिनेश गोस्वामी ,ओम सैनी ,विक्की पटेल,ओम यादव,गोविंद यादव,मनीष जैसवाल, सभी का सहयोग रहा 

अंत मे क्लब के सदस्यो के द्वारा आमंत्रित कवियों को अभिनंदन पत्र देकर  सम्मान किया गया आभार संदीप चतुर्वेदी द्वारा माना गया

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