लोक सेवा आयोग अध्यक्ष चौबे एवं सचिव पंत को तत्काल पद से हटाए: कांतिलाल भूरिया
पूर्व केंद्रीय मंत्री झाबुआ विधायक कांतिलाल भूरिया ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखकर दोनों जिम्मेदार अध्यक्ष सचिव को तत्काल प्रभाव से हटाने की मांग की
झाबुआ (अली असगर बोहरा) - 12 दिसंबर को आयोजित लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा की 5 प्रश्नावली से आदिवासी जनजाति से संबंधित अपमानजनक प्रश्नों को लेकर पूरे प्रदेश के आदिवासी वर्गों में आक्रोश व्याप्त है वही मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देश पर राज्य सेवा परीक्षा में पूछे गए विवादित पांच प्रश्नों के गद्यांश को हटा कर विलोपित करने का निर्णय लेने व अधिसूचना जारी करने पर मुख्यमंत्री कमलनाथ जी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए
पूर्व केंद्रीय मंत्री आदिवासी विकास परिषद अध्यक्ष विधायक कांतिलाल भूरिया ने कहा कि लोक सेवा आयोग जैसे महत्वपूर्ण निष्पक्ष संस्थान मैं बैठे अध्यक्ष और सचिव के संज्ञान मैं आए बगैर अभी रुचि सी_सैट प्रश्न जारी नहीं हो सकते इसमें षड्यंत्र की बू आ रही है उक्त प्रश्नावली बेहद आपत्तिजनक होने के साथ आदिवासी जनजाति वर्गों के साथ भेदभाव पूर्ण नीति अपना कर उनकी भावनाओं पर प्रहार करने जैसा आपराधिक कृत्य किया गया है जिससे मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी जनजाति भील समाज को अपराधिक पृष्ठभूमि वाली जनजाति करार देने जैसा कृत्य किया गया है
भूरिया ने कहा कि अपराधिक गतिविधियों में लिप्त रहने वाली जाति की संज्ञा देने जैसे शब्दावली पर मेरे सहित संपूर्ण आदिवासी समाज अपने आप को अपमानित महसूस कर रहा है वहीं उन्होंने कहा कि लोक सेवा आयोग के जरिए चयनित होने वाले भावी प्रशासनिक अधिकारियों पर इसका असर गलत पड़ेगा जो शासकीय सेवा में आने से पहले ही आदिवासियों के प्रति अपनी नकारात्मक धारणा बना लेंगे
भूरिया ने मुख्यमंत्री कमलनाथ से दूरभाष पर चर्चा करने के साथ ही परिपत्र के माध्यम से उन्हें अवगत कराया कि लोक सेवा आयोग की परीक्षा में आदिवासी भील जनजाति से संबंधित प्रश्नों से संपूर्ण भील समाज आहत है वह भील समाज का घोर अपमान किया गया है इसलिए संबंधित अधिकारियों के प्रति दंडात्मक कार्रवाई आवश्यक है वही दोनों को पद से तत्काल हटाना ही कारगर साबित होगा जिससे आगे कोई भी ऐसा कृत्य किसी भी समाज के साथ नहीं कर पाएंगे।
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