आंखों में आंसू धारा बह निकली | Ankho main ansu dhara bah nikli
आंखों में आंसू धारा बह निकली
मेघनगर (जियाउल हक क़ादरी) - साईं महिला मंडल एवं दी माता जी ग्रुप मेघनगर के तत्वाधान में हो रही राम कथा के सातवें दिन बड़ी संख्या में महिलाओं पुरुष मेघनगर ग्राम के आसपास गांव से भी आचार्य पंडित नरेश शर्मा द्वारा की जा रही रामकथा को सुनकर लाभान्वित हो रहे हैं आज पंडित नरेश शर्मा द्वारा भरत चरित्र की विशेषताओं को कथा में उजागर करते हुए बताया कि भरत को ननिहाल से दशरथ राजा को मुखाग्नि देने के लिए रथ भेजकर बुलाया गया तभी उन्हें पता चला कि मेरे प्रिय भाई राम लक्ष्मण एवं मातृ तुल्य भाभी सीता का 14 वर्षों के लिए वन गमन हो चुका है भरत अवधपुरी में आए उनका ह्रदय मैं इतना विषाद व्याप्त था की प्रथम अपनी ही माता के कई को कुमाता के कर बहुत क्रोध किया साथी बड़े भाई राम एवं छोटे भ्राता लक्ष्मण से मिलने की तैयारी की भरत जी ने भारद्वाज मुनि एवं ऋषि गण अयोध्या वासियों के साथ राम जी को वापस अयोध्या लाने के लिए प्रस्थान किया कुछ व्यक्तियों ने भगवान राम को बताया की भरत बड़ी विशाल सेना के साथ युद्ध करने के लिए आ रहे हैं राम ने सहज भाव से से उत्तर दिया मेरा भाई भरत मुझसे बहुत ही स्नेह सहित आदर देता है अतः स्वप्न में भी ऐसी बात नहीं मान सकता भरत भाई का आगमन जैसे ही तापसी नदी पर हुआ राम तुरंत भरत से गले मिले और दोनों भाइयों की असीम स्नेह में आंसू धारा बह निकली राम ने भाई को आश्वस्त किया मैं वापस नहीं आऊंगा क्योंकि मेरे प्रिय माता के कई पिता दशरथ जी का आदेश है मैं उसे टाल नहीं सकता तब भरत ने भगवान राम की पादुका जी मांगली वह पादुका जी लेकर राज सिहासन पर रख दी हम 14 साल तक उसी पादुका जी से अयोध्या का संचालन किया रामायण में भाई भाई के इस प्रेम प्रसंग एवं मर्यादा देखकर कई भक्तों की आंखों में आंसू धारा बह निकली मां तूने क्या ठानी दी मन में राम सिया भेज दिए ही वन में अगस्त गुरु को लेकर श्री राम जी को वापस अयोध्या ले जाने की विनय की किंतु राम ने भरत से कहा अब तुम ही प्रजा का 14 वर्ष तक ध्यान रखोगे आज गायत्री परिवार मेघनगर द्वारा पंडित नरेश शर्मा का साल श्रीफल से सम्मान किया साईं महिला मंडल एवं एवं दी माता दी ग्रुप ने बताया कि कल 13 जनवरी सोमवार को रात्रि 8:30 बजे एक कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया है जिसमें सूत्रधार निसार पठान सतीश सागर सुश्री सोनल जैन पंडित अशोक शर्मा मन कुमार मन शुभम राज कुमारसंभव आदि कवि अपना ओजस्वी पाठ दशहरा मैदान कथा पंडाल करेंगे।
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