कन्या प्राचार्य का तुगलकी फरमान से पालकगण हुए परेशान | Kanya pracharya ka tuglaki farman se palakgan hue pareshan

कन्या प्राचार्य का तुगलकी फरमान से पालकगण हुए परेशान

कन्या प्राचार्य का तुगलकी फरमान से पालकगण हुए परेशान

मेघनगर (जिया उल हक क़ादरी) - शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्लाय मेघनगर के प्राचार्य व खंड शिक्षा अधिकारी के एक फरमान से उक्त स्कूल में अध्ययनरत छात्राओं के अभिभावक खासे परेशान नजर आ रहे हैं। प्राचार्य साहब ने 2 जनवरी से प्रारंभ हुए वार्षिकोत्सव में एक फरमान जारी किया कि स्कूल के सांस्कृतिक कार्यक्रम में कोई भी पुरुष अभिभावक शिरकत नहीं कर सकता है। प्राचार्य जीएस देवहरे ने इसके लिए बकायदा स्कूल के वार्षिक स्नेह सम्मेलन के आमंत्रण पत्र के भीतर कार्यक्रम की रूपरेखा दर्शाई है जिसमें 2 जनवरी को उद्घाटन एवं शपथ विधि समारोह प्रात: 11 बजे, 3 जनवरी सांस्कृतिक कार्यक्रम दोपहर 12 बजे लिखा गया है जिसके नीचे एक नोट लिखा गया है जिसमें विद्यालय परिवार व महिला पालकों के लिए बताया गया है। वहीं 4 जनवरी को पुरस्कार वितरण एवं समापन समारोह होगा। मजेदार बात यह है कि 3 जनवरी को होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम में केवल महिला पालकों के लिए दर्शाकर एक विवाद खड़ा कर लिया है। क्योंकि प्राचार्य साहब वार्षिकोत्सव उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर विधायक वीरसिंह भूरिया, अध्यक्ष समाजसेवी सुरेशचंद जैन, विशेष अतिथि विपणन सहकारी संस्था के अध्यक्ष कालूसिंह नलवाया, ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष यामीन शेख, तो वहीं 4 जनवरी को पुरस्कार वितरण व समापन समारोह के मुख्य अतिथि के तौर पर एसडीएम मेघनगर पराग जैन, नगर परिषद अध्यक्ष ज्योति नटवर बामनिया, तहसीलदार राजेश सोरते, टीआई कौशल्या चौहान का नाम भी इस आमंत्रण पत्र में प्रकाशित है, तो टीआई कौशल्या चौहान व नप अध्यक्ष ज्योति बामनिया को छोड़कर तो सभी पुरुष अतिथि है। 

कन्या प्राचार्य का तुगलकी फरमान से पालकगण हुए परेशान

वहीं प्राचार्य साहब जनपद अध्यक्ष-उपाध्यक्ष नटवर हाड़ा जो कि शिक्षा समिति अध्यक्ष है उनका भी नाम इस कार्ड से गायब है, जो कई सवालों को जन्म दे रहा है। साथ ही साथ उक्त आमंत्रण पत्र नगर के सभी प्रबुद्ध नागरिकों , मीडिया कर्मियों को भेजे गए हैं जो पुरुष है। अब 3 जनवरी को होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम की बात करे कि आखिर प्राचार्य साहब बालिकाओं के कार्यक्रम में माता-पिता को क्यों नहीं बुला रहे हैं, जबकि सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देने वाली बालिकाएं उनकी अपनी बेटियां है....? गौरतलब है कि जब से जीएस देवहरे ने प्राचार्य व खंड शिक्षा अधिकारी का चार्ज ग्रहण किया है जब शिक्षा का स्तर में गिरावट आई है। देवहरे साहब का बच्चों की शिक्षा की ओर कम जबकि शासकीय खरीदी में ज्यादा ध्यान है, खरीदियों में कमीशनबाजी में भी उनका नाम आ रहा है। इस संबंध में जब जिला शिक्षा अधिकारी प्रशांत आर्य से उनके मोबाइल नंबर 9425403612 पर उनका वर्जन चाहा गया तो आर्य ने मोबाइल रिसीव तक करना उचित नहीं समझा।

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