ईलाज कराने वाले बीमार ग्रामीणों की जान का खतरा | Ijal karane wale bimar gramino ki jaan ka khatra

ईलाज कराने वाले बीमार ग्रामीणों की जान का खतरा

उप स्वास्थ्य केन्द्र की बिल्डिंग जर्जर होने की दी जा चुकी है जानकारी

जिम्मेदारों ने नहीं लिया अब तक संज्ञान, क्या हादसे के बाद जागेगा विभाग


जुन्नारदेव (मनेश साहू) - समूचे प्रदेश में  छिन्दवाड़ा जिले में स्पष्ट तौर पर मेडिकल कॉलेज निर्माण एवं सिम्स अस्पताल के लिए राषि के आवंटन को लेकर लगाया जा सकता है, किन्तु इन सबके बीच ग्रामीण अंचलों में स्वास्थ्य सेवाओं के लगातार क्षीण होने की बारदात भी सामने आने लगी है। जुन्नारदेव विधानसभा में जहां क्षेत्रीय विधायक सुनील उईके द्वारा भी स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार हेतु प्रयास किये जा रहे है, वहीं स्वास्थ्य विभाग का अमला ही अपने इस विभाग के अन्तर्गत आने वाले उप स्वास्थ्य केन्द्रों की ओर कोई रूचि लेता दिखाई नहीं दे रहा है जिसके चलते आज भी दर्जनों ग्रामों में उप स्वास्थ्य केन्द्र भवन की हालत बद से बदतर स्थिति में जा पहुंची है इसी प्रकार का एक मामला जुन्नारदेव विकासखंड अन्तर्गत ग्राम पंचायत रिछेड़ा में देखेने को आया है जहां पर सन् 2008 में बनकर तैयार हुआ उपस्वास्थ्य केन्द्र लगभग 12 वर्षो में ही पूर्णतः जर्जर स्थिति में पहुंच चुका है और इसमें आने वाले 05 गांवों के लगभग 4500 ग्रामीण खतरे के साये में अपनी तबियत ठीक कराने की चाहा रख रहे है किन्तु इस भवन में ईलाज कराने के लिए अंदर आते समय उन्हें इस बात का डर सता रहा है कि कहीं उपस्वास्थ्य केन्द्र का यह भवन धराषायी न हो जाये और उनकी जान जोखिम में न पड़ जाये। इस भवन की हालत इतनी बदतर हो चुकी है।

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