दूसरों के द्वारा की गई गलतियों को माफ करने वाला ही परमातम शक्तियों का अधिकारी होता है - ब्रम्हाकुमारी गीता बहन
आलीराजपुर (रफीक क़ुरैशी) - हम सभी से जाने-अनजाने में ना जाने कितनी गलतियाँ होती हैं किन्तु गलती का एहसास होना अर्थात अपने गलत कर्म का भान होना और गलती के लिए माफी मांग लेना, उस गलती के बोझ को समाप्त कर देता है। गलती होना वास्तव में गलती तो है पर इतनी बड़ी नही, परंतु अपनी गलती को महसूस ना करना यह उस से भी भारी गलती है। महसूस नही किया तो स्वयं के बदलने के द्वार बंद हो जाते हैं और वही गलती बार-बार दोहराई जाती है। यह विचार ब्रम्हाकुमारी गीता बहन ने हनुमान मंदिर के सामने गार्डन में प्रातः कालीन तनावमुक्त शिविर के पांचवें दिन नगरवासियों को संबोधित करते हुए कहे। उन्होने बताया कि सच्चे दिल से माफी मांगने का अर्थ है कि हम उस गलती को इतनी गहराई से महसूस करें कि दोबारा कभी भी किसी के भी साथ वो गलती ना दोहराए। अगर एक व्यक्ति बदला लेकर दूसरे को नीचा दिखाना चाहता है तो इस प्रयास में वह खुद भी नीचे उतर जाता है। दूसरी ओर क्षमा करके व्यक्ति स्वयं भी ऊँचा उठता है और सामने वाले को भी ऊँचा उठने की प्रेरणा देता है। गीता भागवत कथा सातवें दिन मंगलवार समाप्ति के अवसर पर हवन कुंड का आयोजन होगा। कथा से पूर्व प्रातः 10 बजे से दोपहर 01 बजे तक रक्तदान शिविर का आयोजन होगा। स्वेच्छा से जो रक्तदान करना चाहे वह इस शिविर में कर सकते हैं।
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