सांसद गुमानसिंह डामोर सहित अन्य 43 के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज
झाबुआ (मनीष कुमट) - 7 जनवरी, मंगलवार को नागरिक संषोधन अधिनियम (सीएए) के समर्थन में रैली निकालना कुछ लोगों को भारी पड़ गया। इस मामले में जिला प्रषासन एवं पुलिस प्रषासन के वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देष पर इस रैली की अनुमति नहीं दिए जाने एवं धारा 144 लागू होने के बाद भी रैली निकालने से इस मामले में नायब तहसीलदार हर्षल बहरानी द्वारा पुलिस थाना झाबुआ पर क्षेत्रीय सांसद गुमानसिंह डामोर सहित अन्य 43 के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज होने के साथ ही 200-300 अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज हुआ है।
दर्ज एफआईआर में धारा 188 के तहत मुख्य आरोपी में गुमानिंसह डामोर सहित अन्य 43 के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। एफआईआर में उल्लेख किया गया कि झाबुआ शहर में धारा 144 लागू दंड प्रक्रिया संहिता लागू होने के बाद भी इसका उल्लंघन धारा 188 भादवि के तहत किया गया। 7 जनवरी को सांसद गुमानसिंह डामोर, लक्ष्मण नायक, दौलत भावसार, मनोहर सेठिया, ओमप्रकाष शर्मा, भूपेष सिंगोड़, प्रफूल्ल गादिया, मेगजी अमलियार, कल्याणसिंह डामोर, ओमजी शर्मा, कानू महाराज, वैभव सुराना, अजय पोरवाल, हर्षित उर्फ अभिमन्यू, शैलेष दुबे भाजपा पार्टी द्वारा उत्कृष्ट विद्यालय खेल मेदान से एकत्रित होकर सभा ली तथा झाबुआ के मुख्य मार्ग छतरी चौक, थांदला गेट, बाबेल चौराह, आजाद चौक, नेहरू मार्ग, डीअरपी लाईन तिराहे होते हुए कलेक्टोरेट कार्यालय रैली के माध्यम से उपस्थित होकर दोपहर 2 बजे कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया।
नहीं दी गई अनुमति
दर्ज रिपोर्ट में आगे बताया गया कि जिले में कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी द्वारा धारा 144 लागू की गइ्र्र है तथा हम भारत के नागरिक के नाम से ज्ञापन सौंपने के लिए अनुमति आवेदन प्रस्तुत किया गया था, उसे एसडीएम कार्यालय से 6 जनवरी को उक्त ओवदन पत्र को अमान्य कर दिया था। जिसकी सूचना भाजपा जिलाध्यक्ष ओम शर्मा को दी गई थी। इसके उपरांत भी उक्त लोगों द्वारा धारा 144 प्रभावशील होने एवं आवेदन निरस्त और अमान्य होने के बाद सभा ली गई एवं कलेक्टोरेट पहुंचकर ज्ञापन प्रस्तुत किया गया।
इनके खिलाफ नामजर्द हुई एफआईआर
एफआईआर में मुख्य आरोपी में सांसद गुमानसिंह डामोर के नाम के अलावा लक्ष्मसिंह नायक, दौलत भावसार, मनोहर सेठिया, ओमप्रकाष शर्मा, भूपेष सिंगोड़, प्रफूल गादिया, मेगजी अमलियार, कल्याणसिंह डामोर, ओमजी शर्मा, कानूजी महाराज, वैभव सुराना, हर्षित उर्फ अभिमन्यू अभीजीत, शैलेष दुबे, खेमसिंह जमरा, राकेष झरबड़े, रतनसिंह डावर, यश पंवार, मानसिंह बारिया, कांपसिंह भूरिया, दर्षन कहार, श्यामा ताहेड़, निलेश सोंलकी, वैभव सुराना, पपीष पानेरी, आकाष चौहान, विजय चौहान, लोकेन्द्र बाबेल, शांतिलाल बिलवाल, मनीष यादव, पर्वत मकवाना, प्रवीण सुराना, बहादुर हटिला, कमलेष दातला, नीरज राठौर, रसिया पारगी, भूपेष सिंगोड़, राजू निनामा, धनसिंह बारिया, रमेश बारिया, ओपी राय, भानू भूरिया, सुरेष चौहान, गोविन्द कालानी, कलसिंह भाबर, विष्वास सोनी, बंटी डामोर, जुवानसिंह चौहान, दिलीप कटारा, राजेश वसुनिया, हिमांशु त्रिवेदी, श्रीमती किरण शर्मा, नेहा संघवी, मां त्रिपुरा कॉलेज की छात्राएं एवं अन्य 200-300 लोग, जो धारा 144 दंड प्रक्रिया संहिता की उल्लंघन होकर अपराध धारा 188 भादवि के अंतर्गत मामला पंजीबद्ध किया गया।
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