पीड़ितों को नही मिला न्याय, आर टी आई का लिया सहारा
आमला (रोहित दुबे) - बीते दिनों ब्लाक के ग्राम देवगांव में एक व्यक्ति से बेरहमी से हुई मारपीट के बाद मौत का मामला प्रकाश में आया था ।वही मृतक के पिता व पुत्रियों द्वारा न्याय पाने सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटते भी देखा गया था।जानकारी के मूताबिक देवगांव के मृतक सुखदेव गंगारे के साथ ग्राम के ही अनिल मालवी द्वारा बेरहमी से मारपीट की शिकायत मृतक सुखदेव के द्वारा पुलिस थाने में कई गई थी ।जिसके दो दिन बाद उसकी मौत हो गई थी ।वही मृतक के परिजनों द्वारा अस्पताल की लापरवाही व डॉक्टर द्वारा बनाई गई पी एम रिपोर्ट गलत बताकर आरोप लगाए गए थे ।वही पीड़ित की परिजनों द्वारा मामले में कई गई लापरवाही कि शिकायत 181 पर करने पर पुलिस द्वारा परिजनों को बयांन हेतु बुलाया गया ।वही पीड़ित पक्ष ने बताया मामले की जांच करने की बजाए अधिकारी सी एम हेल्प लाइन वापस लेने हेतु अपने हिसाब से ही बयान लिखने लगे ।वही गवाह जो पड़ लिख नही सकता था उस पर भी अपने द्वारा लिखे बयानों पर हस्ताक्षर करने का दबाब बनाया गया ।वही अस्पताल के बी एम ओ के बचाव के चलते पुलिस पीड़ित मृतक को ही जांच में आरोपी बनाने में जुट गई ।वही अस्पताल के डॉक्टर द्वारा मृतक की मौत हार्टअटैक से बताई गई ।जबकी मृतक के शरीर पर चोटों के निशान जगह जगह थे जिसके फोटो ग्राफ भी हमारे पास उपलब्ध है ।पीड़ित पक्ष ने अब न्याय पाने हेतु पुलिस ,अस्पताल, कलेक्टर कार्यालय में आर टी आई का आवेदन दिया है ।मृतक के पिता सुंदर लाल ने बताया कि आरोपी द्वारा मेरे मृतक पुत्र को जबरन मारपीट कर घायल कर दिया था जिसके बाद वह चलने योग्य भी नही था ।दोनों पुत्रियों द्वारा उसे कांधे का सहारा देकर इंसाफ के लिए थाने ले जा गया ।लेकिन आरोपी राजनीतिक जुगाड़ लगाकर अस्पताल से ही ठीक से उपचार नही होने देने से मेरे बेटे की मौत हो गई ।वही पी एम रिपोर्ट भी शक के दायरे में मेरे पुत्र के शरीर पर जख्मो के निशान है लेकिन डॉक्टर के हिसाब से उसे कोई चोट ही नही थी ।गौरतलब होगा कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी बी एम ओ अशोक नरवरे के पदस्थापना के बाद विवादित स्थिति में है आये दिन अस्पताल में अभद्रता के मामले प्रकाश में आ रहे है ।लेकिन लोग शिकायत करने से हिचकिचाते है।
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