जिला प्रशासन द्वारा विजय दिवस पर डीआरपी लाईन सामुदायिक भवन में किया कार्यक्रम | Jila prashasan dwara vijay divas pr drp line samudayik bhavan main kiya karyakram

जिला प्रशासन द्वारा विजय दिवस पर डीआरपी लाईन सामुदायिक भवन में किया कार्यक्रम

युद्ध में सहभागी सैनिक एवं परिवारजनो का किया सम्मान

शाबास इंडिया के कलाकारों ने दिखाए हैरतंगेज करतब

जिला प्रशासन द्वारा विजय दिवस पर डीआरपी लाईन सामुदायिक भवन में किया कार्यक्रम

झाबुआ (अली असगर बोहरा) - सन् 1971 में भारत-पाक युद्ध में भारत की फतह पर प्रतिवर्ष 16 दिसंबर को विजय दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष राज्य शासन के निर्देष पर विजय दिवस पर जिला मुख्यालय झाबुआ पर कार्यक्रम का आयोजन स्थानीय डीआरपी लाईन स्थित सामुदायिक भवन में किया गया। जिसमें अतिथि के रूप में जिला पंचायत अध्यक्ष शांति राजेष डामोर, जिला कांग्रेस अध्यक्ष निर्मल मेहता, कलेक्टर प्रबल सिपाहा एवं पुलिस अधीक्षक विनीत जैन उपस्थित थे। 

जिला प्रशासन द्वारा विजय दिवस पर डीआरपी लाईन सामुदायिक भवन में किया कार्यक्रम

अतिथियों के कार्यक्रम स्थल पर पधारने पर अतिथि एवं सेैनिक परिवारों को गार्ड आॅफ आॅनर मौजूदा पुलिस अधिकारी-कर्मचारियों ने दिया। बाद अतिथियों ने शहीद चन्द्रषेखर आजाद की तस्वीर पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम की शुरूआत की। अतिथियों का स्वागत पुष्प गुच्छ भेंटकर जिला प्रशासन की ओर से अपर कलेक्टर एसपीएस चैहान, डिप्टी कलेक्टर पराग जैन, कलेक्ट्रेट अधीक्षक नरेन्द्र परमार, तहसीलदार बीपी भिलाला, कार्यक्रम के नोडल अधिकारी सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग प्रषांत आर्य, प्रभारी जनसंपर्क अधिकारी सुधीरसिंह कुषवाह, रक्षित निरीक्षक चेतनसिंह बघेल, एसडीओपी झाबुआ इडल मोर्य, थाना प्रभारी लोकेन्द्रसिंह, संकल्प ग्रुप की ओर से भारती सोनी, पं गणेषप्रसाद उपाध्याय, पीडी रायपुरिया, रविन्द्रसिंह सिसौदिया, कांग्रेस के संभागीय प्रवक्ता साबिर फिटवेल आदि ने किया। प्रदेश के मुख्यमंत्री के संदेष का वाचन जिपं अध्यक्ष शांति डामोर ने किया। बाद साज रंग संस्था के वरिष्ठ सदस्य शैलेन्द्रसिंह राठौर एवं जिला पंचातय कार्यालय में पदस्थ श्री सक्सेना तथा विपुल सारोलकर द्वारा देश भक्ति गीत प्रस्तुत किया। जिला परिवहन अधिकारी ने भी देश भक्ति प्रस्तुति देकर उपस्थितजनों को रोमांचित करने के साथ तालियां बटोरी।

जिला प्रशासन द्वारा विजय दिवस पर डीआरपी लाईन सामुदायिक भवन में किया कार्यक्रम

विजय दिवस हमारे शोर्य का प्रतीक है 

अपने उद्बोधन में सेवानिवृत्त प्राचार्य एवं वरिष्ठ इतिहासकार डाॅ. केेके त्रिवेदी ने मुख्य रूप से कहा कि सन् 1971 में भारत और पाक के बीच हुए युद्ध में भारत ने विजयी हासिल की। भारत की इस ऐतिहासिक विजयी को हम 16 दिसंबर को विजय दिवस के रूप में मनाते है। विजय दिवस हमारी आन-बान और शान का प्रतीक है। हमारे शोर्य और जज्बे का प्रतीक है। देष का इतिहास काफी उम्दा रहा है और उससे भी ज्यादा उम्दा हमारे देष के जवानों, शहीदों, सैनिकों ओर महापुरूषों की गाथाएं रहीं है, जिसे हम कभी नहीं भूल सकते, अपितु यह गाथाएं प्रेरणा लेने के हमे प्रेरित करती है।

जिला प्रशासन द्वारा विजय दिवस पर डीआरपी लाईन सामुदायिक भवन में किया कार्यक्रम

इनका किया गया सम्मान

बाद सम्मान के क्रम में सन् 1971 के भारत-पाक युद्ध में वायु सेना में शामिल श्री कैलाष राठौर उम्र 72 वर्ष निवासी झाबुआ एवं उनकी धर्मपत्नि श्रीमती राठौर तथा पुत्री वरिष्ठ अध्यापिका शीला सिसौदिया का सम्मान के साथ इस युद्ध में सहभागी स्व. मथुरालालजी की धर्मपत्नि श्रीमती जोखाबााई उम्र 75 वर्ष निवासी पेटलावद का भी सम्मान अतिथियों ने पुष्पामाला पहनाकर एवं पुष्प गुच्छ भेटकर तथा शाल-श्रीफल से किया। गरिमामय कार्यक्रम का सफल संचालन शासकीय उत्कृष्ट उमा विद्यालय के व्याख्याता महेन्द्रकुमार खुराना एवं साहित्यकार डाॅ. जय बेरागी ने किया एवं अंत में आभार एसडीएम झाबुआ डाॅ. अभय खराड़ी ने माना।

हैरतंगेज कारनामे दिखाए गए

कार्यक्रम समाप्त होने के बाद डीआरपी लाईन मैदान पर नासिक (महाराष्ट्र) से आए शाबास इंडिया के कलाकारों ने आंखों की पलकों से साईकिल उठाना, लंबी कूद़, सिर के बल पत्थर उठाना जेसे अनेक हैरतंगेज कर देने वाले करतब दिखाकर उपस्थितजनों को काफी रोमांचित एवं आनंदित किया। उक्त कलाकार देषभर में अनेकों स्थानो पर अपनी प्रस्तुतियां दे चुके है। यह कलाकार पिछले 3-4 वर्ष पूर्व झाबुआ में भी उक्त कार्यक्रम प्रस्तुत कर चुके है। 

सद्भावना दौड़ का हुआ आयोजन 

शाम करीब 4.30 बजे शहर के राजवाड़ा से सद्भावना दौड (रैली) का आयोजन किया गया। जिसमें स्कूली विद्यार्थी भारत माता, वंदे मातरम् एवं जय-जवान जय किसान के जयघोश लगाते हुए शामिल हुए। यह सद्भावना रैली शहर के नेहरू मार्ग, श्री गौवर्धननाथ मंदिर तिराहा, आजाद चैक, बाबेल चैराहा, थांदला गेट, मेन बाजार, गांधी चैराहा होते हुए समापन विजय स्तंभ तिराहा टाऊन हाॅल पर हुआ।

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