बंद पड़ा सार्वजनिक महिला पेषाब घर, नगरपालिका प्रशासन की घोर लापरवाही का आलम | Band pada sarvajanik mahila peshab ghar
बंद पड़ा सार्वजनिक महिला पेषाब घर, नगरपालिका प्रशासन की घोर लापरवाही का आलम
झाबुआ (मनीष कुमट) - शहर के बस स्टेंड के पीछे नगरपालिका द्वार निर्मित सार्वजनिक सुविधा घर, जिसमें महिला एवं पुरूष पेषाब घर में महिला पेशाब घर पिछले कई महीनों से बंद पड़ा है, जिसके कारण महिलाओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिसे चालू करने के लिए आसपास के दुकादारों सहित बस चालक-परिचालक संघ की ओर से नगरपालिका एवं जनसुनवाई में कलेक्टर को आवेदन देकर कई बार मांग की जा चुकी है, लेकिन अब तक महिला पेशाब घर बंद ही पड़ा है।
ज्ञातव्य रहे कि नगरपालिका परिषद् द्वारा वर्षों पूर्व यह सुविधाघर, जिसमें विषेष रूप से महिलाओं के लिए पेशाब घर इसलिए बनाया गया था, क्योकि बस स्टेंड होने से चौवीसो घंटे बसों का आवगमन लगा रहने से महिला यात्री भी इसका उपयोग करते थे, वर्तमान में पिछले करीब 4-5 महीने से यह मूत्रालय बंद होने से महिलाओं को खासी परेशानी हो रहीं है। विषेशकर रात में महिलाएं उनके लिए सुविधा घर नहीं होने से गहरा संकट हो जाता है। महिला पेशाब घर पर हमेशा ताला ही लगा मिलता है। ऐसे में महिलाओ को इधर-उधर भटकते एवं परेषान होते अक्सर देखा जा कसता है।
कई बार नपा एवं प्रशासन को करवाया अवगत
आसपास के दुकानदार दुर्गाप्रसाद तिवारी, सत्यनारायण चैहान आदि ने बताया कि उनके द्वारा कई बार नगरपालिका को इस गंभीर समस्या से अवगत करवाया जा चुका है। वहीं बस चालक-परिचालक संघ की ओर से हाजी लाला पठान द्वारा भी पिछले दिनों इस संबंध में जनसुनवाई मंे कलेक्टर को आवेदन देकर इस मूलभूत समस्या की जानकारी दी गई थी, जिसके बाद कलेक्टर द्वारा नगरपालिका को निर्देषित किया था, लेकिन पेषाब घर अब तक नहीं खुला है।
इनका कहना है
– मुझे शिकायत मिलने पर कर्मचारियों को भेजकर महिला पेशाब घर का ताला खुलवा दिया है। साथ ही यहां व्यवस्थाओं और सफाई का भी विषेश ध्यान रखा जाएगा।
एलएस डोडिया, सीएमओ, नगरपालिका झाबुआ।
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