आदिवासियों के मसीहा मामा बालेश्वर दयाल की 21वी पुण्यतिथि पर हजारों की तादाद में उमड़ेगा आदिवासियों का जनसैलाब
गुजरात-राजस्थान-मध्यप्रदेश सहित कई प्रांतों के भक्तजन होंगे शामिल
बामनिया (प्रितेश जैन) - समाजवादी, विचारक,चिंतक वरिष्ठ स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पूज्य मामा बालेश्वर दयाल की 21 पुण्यतिथि मामा जी के कर्म स्थल शक्ति स्थल आश्रम बामनीया मैं 25 दिसंबर एवं 26 दिसंबर को मनाई जावेगी । समाधि पर मामा जी के अनुयाई मध्य प्रदेश ,राजस्थान, गुजरात सहित देश के अनेक प्रांतों सिमावर्ती जिले के मामाजी के भक्त व कई समाजवादी राष्ट्रीय नेता मामाजी के अनुयायी मामा जी को श्रद्धांजलि अर्पित करने आएंगे हैं 26 दिसंबर को मामाजी के भक्त मामाजी को भगवान की तरह पूजते हैं और नारियल ,अगरबत्ती व हवन आदि करते हैं। मामाजी एक गांधी राजनीतिक सन्त हुए जिन्होंने आदिवासियों के उत्थान के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया जिसमें जल जंगल और जमीन सहित नशा मुक्ति जैसे आदिवासी प्रांतों में कार्य किया इसी के बदले आज मामाजी को सभी प्रांतों के आदिवासी भगवान की तरह पूजा जाता है।26 दिसंबर को श्रद्धाजंली अर्पित करने के लिए जिले के कई क्षेत्रों से पैदल यात्राएं 21 -12 2019 से ही प्रारंभ हो जाती है जो कि लगभग 100 किलोमीटर की होती है ।रास्ते भर मामा जी के किए समाज सुधार कार्यों के नारे व भजनों के माध्यम से गाया जाता है ।इन पैदल यात्राओं का नेतृत्व मामा भक्तों के अनुयाई पूजा भगत ,रामलाल जी निनामा ,नाथू माहराज ,मालती देवी आदि कई क्षेत्रीय भगत साथ होते हैं ।दिनांक 24 /12 /2019 को पूर्व विधायक डॉ सुनीलम भी पैदल यात्रा में भाग लेते हैं ।उक्त जानकारी मामाजी के अनुयायी पत्रकार सत्यनारायण शर्मा ने दी।
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