औधोगिक केंद्र विकास निगम के नहीं है कोई देखरेख करने वाले अधिकारी
बोरगांव (चेतन साहू) - जिला के सौंसर तहसील के बोरगांव औधोगिक क्षेत्र जो आये दिन चर्चा मे रहता है,,,, यहां कुछ दुकानदारों को गुजारा करने के लिए कांप्लेक्स ही बनाए गए हैं,,,लेकिन जिन्हें कांप्लेक्स दिया गया है ,,,,,उन्होंने किराए से दे दिया है,,,जहां लोग वेल्डिंग,, होटल,, ढाबा की दुकान खोलकर और दुकान के सामने अतिक्रमण करके पूरी की पूरी जगह घेर कर रखी है,,,, आने जाने के मार्ग पर भी तो वेल्डिंग वाले लोहे की ठोक पीठ का कार्य रोड पर जोरों पर चल रहा है,,दुकान जिन्हें दी गई उनकी भी कोई मनमानी चल रही है,,,कॉन्प्लेक्स के सामने मनमाने ढंग से ज्यादा जगह गेरकर बड़े-बड़े वाहन गाड़ी को खडे करवा रहे हैं,,, इसी को लेकर आए दिन यहां वाहनों की कतार लगी रहती है ,,,और एक्सीडेंट होने की भी संभावना सबसे अधिक रहती है,,रेमंड चौराहे पर कमलनाथ के जन्मदिन पर बड़े-बड़े कार्टून बोर्ड बेनर लगाए गए हैं जिससे एकेव्हीएन तीनखेड़ा मार्ग स्पष्ट दिखाई नहीं देता हैं,,,, इससे भी दुर्घटनाएं हो रही है,,,औधोगिक क्षेत्र में जो डामरीकरण रोड बनाई जाती है एक साल में ही गड्ढे में तब्दील हो जाती है,,,, कोई अधिकारी इंजीनियर जांच नहीं करता है ,,,,और जगह-जगह गड्ढे में रोड तब्दील हो गई है,,,क्योंकि केंद्र विकास निगम में अधिकारी जरूर है ,,,लेकिन सिर्फ नाम मात्र के लिए,, कभी कांपलेक्स दुकानदारों पर कार्रवाई नहीं की जाती है,, और ना ही कभी रोडो का निरीक्षण किया जाता है,,बस दिखावा के लिए रोड पर लीपापोती कर दी जाती है ,,और वह रोड चार ,छै, महीने में ही गड्ढे में तब्दील होती है,,रेमंड चौराहे पर भी पूरी तरह अतिक्रमण पान ठेला,,,होटल,,, लगाकर लोगों ने अतिक्रमण कर लिए हैं,, लेकिन कभी औधोगिक केंद्र विकास निगम के अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं ,बस उन्हें सरकारी का पेमेंट हर महा लेने से मतलब है,,बाकी सब कुछ,,, अंधेर नगरी, चौपट राजा,, जैसा कार्य चल रहा है।
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