नवरात्र पर्व का समापन, नवमी की पूरी रात गरबाें की रही धूम, माता के पंडालाें में उमड़ा गरबा प्रेमियों का सैलाब | Navaratr parv ka samapan, navmi ki puri raat garbo ki rhi dhoom
नवरात्र पर्व का समापन, नवमी की पूरी रात गरबाें की रही धूम, माता के पंडालाें में उमड़ा गरबा प्रेमियों का सैलाब
राणापुर (ललित बंधवार) - नगर के लक्ष्मीबाई मार्ग ऋषभ गार्डन, शिवाजी चाैक, एकता गली, जवाहर मार्ग, गाहरी माेहल्ला, प्रजापत मोहल्ला आदि स्थानों पर आकर्षक गरबे ने गरबा प्रेमियों में उत्साह व उमंग का का माहौल जमा दिया। अंतिम दिन पुरी रात गरबा नृत्य चलता रहा। अंतिम दिन होने से गरबा प्रेमियाें भी इस रात को व्यर्थ नहीं जाने देना चाहते थे, उन्हें पता था कि आखिरी दिन है, आैर अब एक साल बाद ही मौका मिलेगा। रात 10 बजे से शुरु हुए गरबे न सुर थमे, न पैर थके सुबह तक थिरकता रहा राणापुर नगर। दूधिया राेशनी में रात भी दिन की तरह नजर आ रही थी। रंग-बिरंगी परिधानाें में गरबा खेलने वालाें की टोलीयां चारों ओर दिखाई दे रही थी। अंतिम रात पंडालाें में गरबा खेलने का जोश आैर जुनून देखते ही बन रहा था। युवतियां, महिलाएं रंग बिरंगी ड्रेस पहनकर गरबा खेलते नजर आए। एकता गली में छाेटी बालिकाएं के साथ महिला ग्रुप भी काला चश्मा पहन कर गरबा खेलते नजर आए। आसपास के क्षेत्राें से बड़ी संख्या में गरबा देखने के लिए लाेग पहुचें। विभिन्न स्थानों पर आयोजकों ने आधी रात के बाद सभी के लिए नाश्ते की व्यवस्था की गई थी।
मंदिरों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
अष्टमी-नवमी तिथि पर सभी देवी मंदिराें में पूजा व मंदिराें में हवन पूजन का कार्यक्रम आयोजित हुआ। नवमी पर सुबह से ही नगर के कालिका माता मंदिर, शीतला माता मंदिर, चामुंडा माता मंदिर सहित अन्य देवी मंदिराें में पूजा अर्चना करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी।
सुख, शांति व समृद्धि की कामना की
नवमी के दिन विशेष रूप से महिलाएं अपने घरों से पूजा का थाली लेकर देवी मंदिरों पहुंची और माता रानी की पूजा अर्चना कर उन्हें चुननी सहित श्रृंगार की सामग्री अर्पित कर सुख, शांति, समृद्धि की कामना की। नवमी के अवसर पर अनेक देवी भक्ताें ने अपने निवास परिसराे में कन्या भोज का आयोजन किया। देवी भक्ताें ने निवास परिसर में कन्याओं को भोजन के लिए आमंत्रित कर पहले उनका पूजन किया आैर उसके उपरांत भाेजन कराया आैर यथा शक्ति कन्याओं को दक्षिणा दी। पंडित ने बताया कि कन्याआें को देवी स्वरूप माना जाता है। नवरात्रि के दौरान उपवास के साथ कन्याओं को भोजन कराने का विशेष महत्व माना गया है।
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