लक्षण मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग व नगर परिषद हरकत में पहले क्यों नहीं
धामनोद (मुकेश सोडानी) - नगर में कुछ लोगों को डेंगू के लक्षण पाए गए अब हमेशा की तरह स्वास्थ्य विभाग और नगर परिषद विभाग हरकत में आ गया सभी दूर छिड़काव कर दवाइयां और साफ सफाई रखने के लिए प्रेरित किया जा रहा है जबकि यह वर्षा ऋतु के बाद से जवाबदारो के निर्देश पर संव्य शुरू कर लोगों को प्रेरणा देना चाहिए लेकिन जवाबदार तो फोटो खिंचवाने और नगर परिषद के वह कार्य जो धरातल पर कभी मूर्त रूप नहीं ले पाए उनको गिनाने में लगे गौरतलब है कि लगातार वर्षा के बाद अचानक तेज धूप होने से मौसम के बदलाव के चलते वायरल फीवर के मरीजों की संख्या बढ़ जाती है पूर्व में परिषद और स्वास्थ्य विभाग के ध्यान नहीं देने के कारण डेंगू के लक्षण वाले मामले भी सामने आए हैं ।
इन लोगों में पाए गए डेंगू के लक्षण जो बेहद खतरनाक
जानकारी के अनुसार नगर की वृंदावन कॉलोनी में रहने वाले 3 वर्षीय जीवीतेश पिता लोकेश को डेंगू पॉजिटिव बताया गया। जबकि तीन अन्य बच्चों जिसमें नप कर्मचारी समक्ष पिता लक्ष्मी नारायण उर्फ बल्लू 7 वर्ष, मंगल नगर के 15 वर्षीय उदय पिता अजय गुप्ता व नारायण विहार कॉलोनी के रोनक पिता संजीव गोसर को भी डेंगू के लक्षण पॉजिटिव पाए गए थे। जिसमें रोनक को कुछ दिनों पूर्व डेंगू के सामान्य लक्षण पाए जाने से इंदौर भी भर्ती कराया गया था इधर समक्ष को भी लक्षण पाए जाने से इंदौर भर्ती कराया गया है । नगर में डेंगू के मरीज मिलने से स्वास्थ्य विभाग और नगर परिषद अब देर से हरकत में आया है ।
स्वास्थ्य विभाग की लगातार निगरानी आखिर अब क्यों पहले क्यों नहीं
मरीजों की जानकारी मिलते ही स्वास्थ्य विभाग की टीम जगह-जगह जाकर लार्वा की जांच कर रही है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक अब तक 250 से अधिक घरों में जांच की जा चुकी है नारायण विहार कॉलोनी में दो लार्वा मिले थे । जबकि दो लार्वा वृंदावन कॉलोनी में भी पाए गए है । विभाग द्वारा लार्वा व बुखार पीड़ित लोगों की स्लेड बनाई गई। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक पूरी तरह मामला नियंत्रण में है। इधर बीएमओ ब्रम्हराज कौशल के निर्देश पर डेंगू से बचाव हेतु होम्योपैथिक औषधि का सेवन पीड़ितों को कराया गया।
दवाई छिड़काव व फागिंग मशीन का उपयोग
नगर परिषद द्वारा बीमारी की सूचना मिलते ही फागिंग की दो अतिरिक्त मशीनें बुलाई गई है बताया कि पहले से एक मशीन थी जिसे सुधार कर तैयार किया गया है। अब अन्य मशीनें बुलाने के लिए कहा जा रहा है लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि बीमारी के बाद ही नगर परिषद हमेशा हरकत में क्यों आती है इन मशीनों का उपयोग पहले क्यों नहीं करवाया गया वर्षों से लाखों रुपए की मशीनें नगर परिषद के पास रखी हुई है जो जंग खा रही है समय आने पर इनका उपयोग लेते हैं जब तक बीमारी की जकड़ में कई मासूम आ चुके होते हैं परिषद के जवाबदारो की अनदेखी के कारण नगर में यह बीमारियां फेल रही है
लोगों को संव्य होना पड़ेगा जागरूक
अब लक्षण पाए जाने के बाद दोनों विभाग कि टीमें आमजन को समझाइस दे रही है जबकि अब ऐसी बीमारियों से बचने के लिए लोगों को खुद जागरूक होना पड़ेगा खुद की जागरूकता से ही बीमारी पर नियंत्रण पाया जा सकता है दरअसल डेंगू का मच्छर साफ पानी में भी पनप सकता है ऐसे में लोगों को उपयोग का ही पानी वह भी ढांककर रखना चाहिए । छतों की टंकी भी ढांककर रखनी चाहिए । सामान्य ऐतियात ही बीमारी से रोकथाम के लिए काफी हो सकती है। जबकि इस जागरूकता का काम स्वास्थ्य विभाग का है
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