जमीनों के महा घोटाले की ख़बर सुर्खियों में आने के बाद राजस्व विभाग की कमिश्नर का दौरा मेघनगर के इतिहास में पहली बार | Zameeno ke maha ghotale ki khabar surkhiyo main

जमीनों के महा घोटाले की ख़बर सुर्खियों में आने के बाद राजस्व विभाग की कमिश्नर का दौरा मेघनगर के इतिहास में पहली बार

जमीनों के महा घोटाले की ख़बर सुर्खियों में आने के बाद राजस्व विभाग की कमिश्नर का दौरा मेघनगर के इतिहास में पहली बार

मेघनगर (जियाउल हक कादरी) - शासकीय जमीनों के साथ-साथ आदिवासियों की जमीनों पर भी गैर आदिवासियों का कब्जा बरकरार है ! क्षेत्र के गरीब भोले-भाले आदिवासियों को बहला-फुसलाकर भू-माफियाओं के द्वारा औने पौने दामों पर जमीने हथिया ली गई है।

जमीनों के महा घोटाले की ख़बर सुर्खियों में आने के बाद राजस्व विभाग की कमिश्नर का दौरा मेघनगर के इतिहास में पहली बार

वर्षों से चल रही जमीनों के महा घोटाले की खबरें अखबारों से लेकर न्यूज़ चैनलो व न्यूज़ पोटल के माध्यम से सुर्खियों में कई बार आई लेकिन राजस्व अधिकारी अनजान बने रहे । वही मध्यप्रदेश के नगरी प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह एक दिवसीय दौरे पर हितग्राही सम्मेलन में हितग्राहियों को सम्बोधित करने व शासन की अनेको योजनाओं का लाभ दिलाने गुरुवार को झाबुआ के पैलेस गार्डन पहुँचे, जहाँ आदिववासी संगठन व समाज सेवी द्वारा शिकायत मंत्री जी की जिसके बाद उन्होंने कार्यवाही के आदेश दिये आदेश के बाद राजस्व विभाग की कमिश्नर श्रीमती वंदना वेध अवलोकन करने के लिए मेघनगर पहुंची ! नगर के पत्रकारों के साथ प्रेस वार्ता रेस्ट हाउस पर की गई इस अवसर पर पत्रकारों ने चर्चा में बताया कि नगर की शासकीय जमीनों ओर क्षेत्र के भोले-भाले आदिवासियों की जमीनो पर भु माफियाओं के द्वारा किए गए कब्जे पर चर्चा की गई तो मैडम ने कहा कि मैं दिखवाती हूं अगर गलत और अवैध कब्जा है तो कार्रवाई होगी 

यह रहे मामले सुर्खियों में नगर की सरसी बाई धर्मशाला, झाबुआ रोड की सरकारी जमीनों पर कब्जा और आदिवासियों की जमीनों पर गैर आदिवासियों का कब्जे पर चर्चा की गई ।

जमीनों के महा घोटाले की ख़बर सुर्खियों में आने के बाद राजस्व विभाग की कमिश्नर का दौरा मेघनगर के इतिहास में पहली बार

क्या कहते है जिम्मेदार

राजस्व विभाग की इंदौर संभागीय आयुक्त का कहना है कि यदि किसी आदिवासी की जमीन गैर आदिवासी ने ली है तो राजस्व की धारा 170 (ख) अनुसार वह जमीन पुनः आदिवासी को लौटाना पड़ेगी। वहीं अगर नगर परिषद की लीज की जमीन पर कोई व्यापारी बिना किसी अनुमति के निर्माण कार्य कर रहा है या फिर किसी गैर व्यापारी को लीज की जमीन मोटे भाव बेच रहा है तो जांच कर  उसकी लीज निरस्त कर दी जाएगी।

Post a Comment

Previous Post Next Post