तीर्थ नगरी ओकारेश्वर में धार्मिक आयोजन हुए | tirth nagri omkareshwar main dharmik ayojan hue

तीर्थ नगरी ओकारेश्वर में धार्मिक आयोजन हुए 

तीर्थ नगरी ओकारेश्वर में धार्मिक आयोजन हुए

ओंकारेश्वर (ललित दुबे) - प्रारंभ तिथि की गड़बड़ के चलते किसी ने रविवार तो किसी ने सोमवार हरतालिका व्रत  रखा  इस संबंध में पंडित प्रह्लाद जोशी ने  हरतालिका व्रत के महत्व  के संबंध में बताया कि माता पार्वती ने भगवान शिव को प्राप्त करने के लिए किया था उस समय मां पार्वती ने भगवान शिव को कठिन तप किया लेकिन इस बीच नारद जी विष्णु भगवान का प्रस्ताव लेकर हिमालय पर्वत मां के पिता हिमालय पर्वत के पास पहुंचे उन्होंने भगवान विष्णु का प्रस्ताव उमा पार्वती के लिए रखा हिमालय पर्वत ने स्वीकार किया विष्णु भगवान को देने का वचन दिया इससे रुष्ट कर पार्वती  सहैलियों के पास गई सभी सहेलियां पार्वती को घने जंगल में ले गई इसी कारण इसका नाम हरतालिका रखा इसका मतलब है सहैलियां  माता को हर के ले गई इसलिए हरतालिका पड़ा  रेती के शिवलिंग बनाकर महिलाएं पूजन करती है इस दिन अन्न जल ग्रहण नहीं किया जाता  परिवार की  खुशहाली एवं पति की लंबी उम्र की कामना करती है।

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