मामा जी के समाधि स्थल पर पहली फसल का पहला फल (भुट्टा) चढ़ाने डॉ सुनीलम सहित कई अनुयायी का आना जाना सुरु हो गया है बामनिया पहुंचे
सेमलिया नारेला में दी गई भुण्डा डामोर को श्रद्धांजलि
बामनिया (प्रीतेश जैन) - समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक डॉ सुनीलम ने आज बामनिया में समाजवादी चिंतक एवम पूर्व सांसद मामा बालेश्वर दयाल जी के समाधि पर पहुंच कर उन्हें श्रीधानजली दी। बामनिया आश्रम में मामाजी की समाधि पर भुटटे की पहली फसल को चढ़ाकर प्रसाद बांटने का काम भक्तों ने किया की ,विधायक जी ने कहा कि झाबुआ और अलीराजपुर के सभी विधायक मूर्ति लगवाने को लेकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपेंगे।
डॉ सुनीलम ने कहा कि देश में मामा बालेश्वर दयाल ही ऐसे नेता हैं जिनकी 150 से अधिक मूर्तियां आदिवासियों ने अपने गांव में लगाई हैं।हर वर्ष पहली फसल का पहला फल लेकर समाधि पर चढ़ावा चढ़ाने और आश्रम पर हवन करने हज़ारों आदिवासी बामनिया पहुंचते हैं।
डॉ सुनीलम ने कहा कि इस बार राजस्थान की तरह मामा जी के अनुयायी भी मामा स्मृति यात्रा निकलेंगे तथा वे भी उस यात्रा में शामिल होंगे।
डॉ सुनीलम ने कहा कि मामा जी को भारत रत्न देने ,बामनिया रेलवे स्टेशन का नाम मामा बालेश्वर दयाल करने ,मामा जी की मूर्ति झाबुआ जिलाधीश कार्यालय के सामने स्थापित करने ,स्कूलों के पाठ्यक्रम में मामा जी का जीवन परिचय शामिल किए जाने की मांग को लेकर समाजवादी पार्टी ,किसान संघर्ष समिति द्वारा मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा जाएगा।
डॉ सुनीलम आज सपा एवम किसान संघर्ष समिति के नेता भुण्डा जी डामोर के ग्राम सेमलिया में तेरवीं कार्यक्रम में शामिल हुए ।श्रीधानजली सभा को संबोधित करते हुए डॉ सुनीलम ने कहा कि मामा बालेश्वर दयाल जी के अनुयायी किसान संघर्ष समिति के नेता भुंडा जी डामोर का असामयिक निधन हो गया ,वे केवल 60 वर्ष के थे।भुंडा जी डामोर बचपन से मामा जी जुड़े हुए थे,उनके पिताजी वालजी डामोर पहले से मामा जी से जुड़े हुए थे।मामा जी के भील आश्रम में पढ़े थे। 25 दिसम्बर के मामा जी के स्मृति कार्यक्रम में हर समय शामिल रहते थे।मेरे साथ वे भोपाल ,दिल्ली सहित सभी कार्यक्रमो में शामिल होते थे
श्रीधानजली सभा को वरिष्ठ पत्रकार क्रांति कुमार वैद्य ,पत्रकार सत्यनारायण शर्मा ,सपा नेता राजेश बैरागी ,नरेंद्र मुनिया ,सरपंच पिद्यया निनामा ,गोपाल डामोर ने भी संबोधित किया।मामा जी के समाधि स्थल पर राजस्थान के बांसवाड़ा ,प्रतापगढ़ से हज़ारों अनुयायी पुंजा भगत ,कांति भगत ,रत्ना भगत ,गौतम भगत ,नानका भगत ,राकमा भगत और आदिवासी नरेश के नेतृत्व में समाधि स्थल पर पहुंचे
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