रेत पर कार्यवाही करने गई वन विभाग की टीम को खाली हाथ वापस लौटना पड़ा
मुरैना (संजय दीक्षित) - रेत माफिया के शिंकजे में फंसा वन विभाग अपनी औपचारिकताओं से समय काट रहा है। इसके बाद भी जब कभी अधिकारी कर्मचारी मिलकर हिम्मत जुटाते हैं तो रेत माफिया उन पर हावी हो जाता है। शुक्रवार की सुबह वन विभाग ने कार्यवाही की औपचारिकता के लिए ठेकेदार के रेत को टारगेट बनाया, लेकिन उसमें भी वह सफल नहीं हो सके। जिन माफियाओं ने ठेकेदार को रेत दिया था उन्होंने वन विभाग की टीम को भी बुरी खदेडा और उन्हें बेरंग लौटना पडा। यहां ता दें कि सिविल लाइन थाना क्षेत्र के बाईपास रोड पर वन विभाग का अमला पूरे फ़ोर्स के साथ डंप चम्बल के रेत को पकड़ने के लिए गया था लेकिन राजनैतिक संरक्षण प्राप्त ठेकेदार ने रिकॉर्ड दिखा देने की कहकर वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को खाली हाथ वापस लौटा दिया। यहां बता दे कि चम्बल के रेत का काफी भंडारण इक्कठा था फिर भी वन विभाग के आला अधिकारियों ने डंप रेत पर कोई भी कार्यवाही नहीं की और मय फ़ोर्स के वापस लौटना पड़ा। वन विभाग के अधिकारियों को काफी दिनों से सूचना थी कि बाई पास पर चंबल का रेत इक्कठा हो रहा हैं फिर भी कार्यवाही नहीं हो सकी। पूर्व में जिला अस्पताल के पीछे नई बिल्डिंग का निर्माण अवैध चम्बल के रेत से कराया जा रहा था।अवैध चम्बल के रेत को गिट्टी के काले चूना से ढककर इस्तेमाल किया जा रहा था। इसकी सूचना भी वन विभाग को थी लेकिन विभाग के अधिकारियों ने खाना पूर्ति करते हुए महज चार ट्रॉली रेत पकड़कर अपनी पीठ थपथपा दी। जब कि चम्बल का रेत काफी मात्रा में पड़ा हुआ था फिर भी विभाग ने कार्यवाही के नाम पर डांक के दो पात करके कार्यवाही को ठंडे बस्ते में डाल दिया। इस पूरे मामले में डीएफओ पी.ड़ी ग्रेरेबियल से बात की गई तो उनका कहना था कि ठेकेदार से रिकॉर्ड मंगाकर जो भी तथ्य सामने आएंगे हम उनके खिलाफ कार्यवाही करेंगे।
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