राष्ट्रीय पोषण माह के संबंध में मीडिया कार्यशाला का आयोजन कलेक्टर की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ | Rashtriy poshan mah ke sambandh main media karyashala

राष्ट्रीय पोषण माह के संबंध में मीडिया कार्यशाला का आयोजन कलेक्टर की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ

राष्ट्रीय पोषण माह के संबंध में मीडिया कार्यशाला का आयोजन कलेक्टर की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ

मुरैना (संजय दीक्षित) - महिला एवं बाल विकास विभाग के तत्वाधान मेें 01 से 30 सितम्बर 2019 तक राष्ट्रीय पोषण माह अभियान संचालित किया गया है। इस पोषण अभियान में सिर्फ एक कार्यक्रम न होकर व्यापक जन आंदोलन और भागीदारी के तहत इस कार्यक्रम में स्थानीय संस्थाओं के जन प्रतिनिधियों, राज्य के सरकारी विभागों, सामाजिक संगठनों तथा आमजनता एवं निजी क्षेत्र की समावेशी भागीदारी को शामिल किया गया है। यह बात कलेक्टर श्रीमती प्रियंका दास ने शनिवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में मीडिया कार्यशाला को सम्बोधित करते हुये कही।कार्यशाला को सम्बोधित करते हुये कलेक्टर श्रीमती प्रियंका दास ने कहा कि पोषण अभियान का प्रमुख उद्देश्य 0 से 6 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं धात्री माताओं में पोषण स्तर में सुधार लाना है। उन्होनें कहा कि नवजात बच्चों में कम वजन, बच्चों में ठिंगना पन, कुपोषण एवं रक्ताल्पता दर में अगले तीन वर्षों में उत्तरोतर कमी लाना है। उन्होनें कहा कि राष्ट्रीय पोषण माह एक जन आंदोलन बनें जिसके लिये हर महिला की यह मानसिकता बनें कि आंगनवाड़ी से पोषण आहार गर्भावस्था के समय महिला के लिये बहुत जरूरी है। उसे जरूर लें। उन्होनें कहा कि इस दौरान आंगनवाड़ी बन्द मिलेगी या पोषण आहार नहीं मिलेगा तो लोग अकसर प्रशासन को आवाज  उठायेंगे। कलेक्टर ने कहा कि आंगनवाडिय़ों में बच्चों की औसतन उपस्थिति 15 से 20 मीनिमम निरीक्षण के दौरान आंगनवाडिय़ों में पाई जाती है। महिला एवं बाल विकास विभाग यह सुनिश्चित करें कि आंगनवाडिय़ों में बच्चों की संख्या 35 से 40 प्रतिशत रहे, तभी हम कुपोषण से बच्चों में छुटकारा पा सकते है। उन्होनें बताया कि जिन क्षेत्रों में बच्चे बीमार है, किन्हीं कारण बस आंगनवाड़ी केन्द्र नहीं पहुंच पाते है, उन केन्द्रों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता उन बच्चों को पोषण आहार जरूर उपलब्ध करावें। उन्होनें मीडिया प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुये कहा कि प्रमुखत: प्रसव पूर्व देखभाल, पूरक आहार, अधिकतम स्तनपान, वृद्धि निगरानी, एनीमिया, किशोरी बालिका आहार शिक्षा एवं विवाह की सही उम्र, सफाई और स्वच्छता और पोषण जागरूकता एवं स्वस्थ भोजन खायें तो कभी भी कुपोषण के शिकार महिलायें एवं बच्चे नहीं बनेंगे।  इस अवसर पर जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग श्रीमती सजन अलूना, सहायक संचालक महिला एवं बाल विकास विभाग  रामनिवास बुधौलिया, मीडिया कार्यशाला में इलेक्ट्रोनिक एवं प्रिंट मीडिया के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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